नुरपुर : जिला कांगड़ा में कुछ दिन पूर्व कांगड़ा के उपायुक्त निपुण जिंदल व पंजाब के जिला पठानकोट के उपायुक्त ने पंजाब सीमा व हिमाचल सीमा के मध्यनजर स्थित चक्की पुल में बाढ़ आने के कारण जनहित में पुल को अनसेफ देखते हुए गाडियों की आवाजाही के लिए दूसरी बार बंद कर दिया था। दोनों राज्यों के प्रशासनिक अफसरशाही के आदेशों की अवहेलना धरातल पर आज सरेआम देखने को मिली। सरकारी आदेशों के बाबजूद हिमाचल व पंजाब से छोटे वाहनों की आवाजाही जारी है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों इस पुल के पंजाब जोन में एक हादसा भी पेश आया था। जिसमें पीड़ित को गंभीर चोटें आई थी। मौके पर लोगों ने बताया कि पीड़ित की मौत हो गयी है। पीड़ित पंजाब के गांव की निवासी थी। मामला पंजाब पुलिस में दर्ज है। इस हादसे ने दोनों राज्यों के प्रशासनिक अफसरशाही के आदेशों की अवहेलना की पोल खोल दी। जिसमें सभी वाहनों के लिए इस पुल पर आवाजाही बंद करने के आदेश दिए थे। इस मामले में कुछ लोग मारपिटाई पर उतर आए। मौके पर मौजूद लोगों व एनएच कर्मियों का कहना है कि सरकार या पुलिस की ओर से सुरक्षा को कोई भी बंदोवस्त न होने के चलते उन्हें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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वहीं पुलिस विभाग का कहना कि लोग इस मामले में पुलिस के साथ गलत भाषा का उपयोग करने में भी संकोच तक नहीं करते। इतना ही नहीं इस पुल पर एक तरफ पंजाब पुलिस का पहरा है तो दूसरी तरफ हिमाचल में कुछ दूरी पर कडवाल में पुलिस चौकी स्थित है। कडवाल पुलिस चौकी के पास एनएचआई पुलिस चौकी का काम करने वाले कंपनी के ठेकेदार के कर्मियों ने कंपनी के यातायात रोकने वाले अवरोधक लगाए हुए हैं जिनकी लापरवाही से दोनों राज्यों के प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना सरेआम हो रही है। इन लोगों का कहना है कि पुलिस इस मामले में हिमाचल में मदद नहीं कर रही। यहां पर कोई सुरक्षा नहीं है। इस पुल की आवाजाही बंद होने का लाभ पंजाब के टैम्पु वाले ले रहे हैं।
इस पुल पर कडवाल से पंजाब सीमा तक लोगों से खूब किराया लेने मे जुटे सीमा पर स्थित कडवाल में एडशियनल आरटीओ को इसका पता नहीं है। बिना परमिट व बिना खौफ के सरकारी कोष को चूना लगाया जा रहा है। वहीं बड़े वाहन चालकों का कहना है कि केवल हम पर आदेश क्यों लागू किए गए हैं। बहुचर्चित चक्की पुल की निर्माण क़ीमत 36 करोड़ है लेकिन वहीं इसकी मरम्मत 3 सौ करोड़ आंकी गयी है। बहुचर्चित पंजाब हिमाचल सीमा को जोड़ने वाला चक्की पुल पूर्णता हिमाचल सरकार के अंतगर्त आता है। जिसका रखरखाव राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण व आईआरबी निर्माण कंपनी के देखरेख में हो रहा है। प्राधिकरण व आईआरबी निर्माण कंपनी के उच्चाधिकारियों के लिए आय का पुख़्ता साधन बन चुका है। इस मामले में नूरपुर एसडीएम अनिल भारद्वाज का कहना है कि मीडिया के माध्यम से हमें ये पता चला है, इस मामले में उचित करवाई की जाऐगी।
संवाददाता : विनय महाजन