निजी बस ऑपरेटरों ने सरकार से उठाई मांग, 15 रुपए किया जाए न्यूनतम बस किराया

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

हिमाचल में निजी बस ऑपरेटर्स न्यूनतम बस किराया बढ़ाने की मांग उठा रहे हैं। इसी कड़ी में जिला कांगड़ा निजी बस ऑपरेटर्स की बैठक प्रधान रविदत्त शर्मा की अध्य़क्षता में गगल में हुई। इस दौरान निजी बस ऑपरेटर्स ने न्यूनतम बस किराया दो गुणा से भी अधिक बढ़ाने की मांग की। अभी प्रदेश में न्यूनतम बस किराया जहां पांच रुपए हैं, तो वहीं निजी बस ऑपरेटर यह किराया 15 रुपए करने की मांग उठा रहे हैं।

रविदत्त शर्मा ने अब बस की कीमत 25 से 35 लाख रुपए हो गई है और डीजल 90 रुपए प्रति लीटर पहुंच रहा है और प्रदेश में न्यूनतम किराया पांच रुपए ही है, जबकि देश के किसी भी राज्य में न्यूनतम किराया 10, 15 और 20 है इसलिए प्रदेश में न्यूनतम किराया 12 करें। बसों की उम्र 12 वर्ष से घटाकर 8 वर्ष की गई है जोकि निजी बस ऑपरेटर के साथ अन्याय है।

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उन्होंने उपमुख्यमंत्री को बताया कि पिछले दिनों हुई राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में रिप्लेसमेंट के तहत बसों की उम्र 12 वर्ष से घटाकर आठ वर्ष की गई है, जो कि निजी बस ऑपरेटर के साथ अन्याय है। अगर आठ वर्ष के बाद वह बस किसी और रूट परमिट पर नहीं चढ़ती है, तो उसकी कीमत शून्य हो जाएगी। जिस ऑपरेटर का रूट परमिट 100 से 120 किलोमीटर का है, उसको नई बस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है। हालांकि ऑपरेटर्ज की पहले से मांग है कि इसे 12 से बढ़ाकर 15 वर्ष किया जाए, लेकिन उसे बढ़ाने की बजाय उसे और कम कर दिया गया है।

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ये मांगें भी उठाईं…

निजी बस ऑपरेटरों ने सरकार से बाहरी राज्य से पुरानी बसें खरीदने पर लगाई गई पाबंदी को हटाने की मांग की है। इसके साथ ही ऑपरेटरों ने बस को रूट परमिट सहित दूसरे के नाम हस्तांतरण करने की शक्तियां क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को देने की भी मांग की है। निजी बस ऑपरेटर्जं ने सरकार के समक्ष मांग उठाई कि देश के जिन-जिन राज्यों में स्टेज कैरिज बसों पर स्पेशल रोड टैक्स लगाया गया है, वहां पर अलग से टोकन टैक्स नहीं लिया जाता है। हमारी काफी समय से निरंतर मांग रही है कि सिंगल विंडो टैक्स प्रथम बनाई जाए। स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स मर्ज करके एक बस पर एक किस्म का स्पेशल रोड टैक्स लगाया जाए।

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