राज्य के प्रतिबंध 85 फीसदी कोटे को बहाल करे सरकार : विजय डोगरा

आशिष राणा। धर्मशाला

अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली संयुक्त मोर्चा ने बाहरी राज्यों में निजी क्षेत्र में कार्यरत प्रवासी हिमाचलियों के लिए राज्य के प्रतिबंध 85 फीसदी कोटे को बहाल करने की मांग हिमाचल सरकार से उठाई है। मोर्चा के प्रतिनिधि विजय डोगरा व राकेश चंद ने सोमवार को धर्मशाला में प्रेस वार्ता में कहा कि बाहरी राज्यों में हिमाचल वासी मजबूरी में मजदूरी करने गए हैं। रोजी-रोटी के लिए बाहरी राज्यों में गए हिमाचलियों को बाहरी न बनाया जाए। क्योंकि इनकी भी पुश्तैनी जमीनें, खेत-खलिहान और गांव व घर हिमाचल में हैं, फिर ऐसे लोग बाहरी कैसे हुए।

मोर्चा प्रतिनिधियों ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली एनसीआर में करीब 6 लाख हिमाचली, मुंबई में ढाई लाख, चंडीगढ़ में 3.50 लाख, जालंधर, लुधियाना व खरड़ सहित पूरे पंजाब में भी अढ़ाई लाख सहित विभिन्न राज्यों व बड़े शहरों में भी लाखों हिमाचल रहते हैं, लेकिन वर्ष 2018 में हिमाचल की भाजपा सरकार ने बाहरी राज्यों में मजबूरी में मजदूरी, रोजगार के लिए गए और निजी क्षेत्र में कार्यरत प्रवासी हिमाचल वासियों के बच्चों को मेडिकल शिक्षा में राज्य के 85 फीसदी कोटे को प्रतिबंधित हुआ है।

सरकार का तर्क है कि बाहरी राज्यों में रह रहे हिमाचल वासियों के बच्चे यदि 12वीं तक शिक्षा पास करते हैं, तो वे बाहरी कोटे में आएंगे, यानी हिमाचल बोर्ड से 8वीं से 12वीं तक पास करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में राज्यपाल व मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा जा चुका है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि सरकार इस विषय पर जरुर गौर करेगी। सरकार द्वारा मांग पत्र पर विचार नहीं किया जाता है, तो आगामी रणनीति जल्द ही बनाई जाएगी।