उज्जवल हिमाचल। डेस्क
बारिश मन को सुकून तो देती है, लेकिन कई बार बारिश अपने साथ कई बीमारी साथ ले आती है जिसमें दाद, खाज और खुजली आम है। अगर इस दौरान अपनी त्वचा का खास ख्याल न रखा जाए, तो इस मौसम में चेहरे को परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है।
बरसात के मौसम में तापमान में नमी अधिक होती है, जिसके कारण स्किन भी प्रभावित होती है। ह्यूमिडिटी ज़्यादा होने से पर्यावरण में बैक्टीरिया व कीटाणुओं की भी अधिकता होती है। जिसके कारण दाद, खाज और खुजली जैसी बीमारी हो जाती हैं। कई बार ये परेशानियां गंभीर भी हो सकती हैं, ऐसे में इनका तुरंत उपचार होना बेहद ज़रूरी है।
आइए जानते हैं बरसात के मौसम में कैसे रखें खुद को सुरक्षित…..
हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक टमाटर में लाइकोपीन होता है, जो एक एंटीऑक्सिडेंट है। यह स्किन में मौजूद फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा, यह उम्र बढ़ने और त्वचा की समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है। टमाटर के रस में थोड़ा सा हल्दी पाउडर मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को दाद वाली जगह पर लगाएं इससे आपको खुजली से राहत मिलेगी।
बर्फ के टुकड़े से भरे एक प्लास्टिक बैग को एक साफ-सुथरे कपड़े में लपेट लें और आपका ठंडा सेक तैयार है। जिस जगह दाद, खाज और खुजली हो वहां हर 15 मिनट के अंतराल पर ठंडा सेक लगाएं। इससे खुजली और दर्द में कमी आएगी। गेंदे के फूल दाद, खाज, खुजली की समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है क्योंकि इसमें कई सारी एंटीफंगल और एंटी एलर्जी गुण होते हैं जो दाद, खाज और खुजली जैसी समस्या को जड़ से खत्म करने की शक्ति रखते हैं।
मुठ्ठीभर नीम की पत्तियों को करीब 10 मिनट तक उबालिए। इन नीम की पत्तियों के चिकित्सा गुण पानी में चले जाएंगे उसके बाद इस पानी से नहा लीजिए और कुछ पानी को बाद में प्रयोग के लिए रख दीजिए। नीम की पत्तियों में रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो त्वचा में मौजूद अशुद्धियों और विषाक्त पदार्थों को साफ कर देते हैं।
ये नुस्खे भी आजमा सकते हैं…..
अगर आपके त्वचा में खुजली की समस्या उत्पन्न हो रही है तो आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है बस खीरे के रस को अपनी त्वचा पर लगा कर मसाज करें। इस उपाय को करने से 1 से 2 मिनट के भीतर खुजली की समस्या दूर हो जाएगी। एलोवेरा के तने से जेल को निकाल लें और इसे त्वचा पर लगाएं।
इसके बजाए आप बाजार में उपलब्ध एलोवेरा क्रीम और जेल का भी उपयोग कर सकते हैं। इसे दिन में 2 से 3 बार लगाएं। इसमें मालोज़, लैक्टोज़ और स्टेरोल्स जैसे शुगर होते हैं, जो फंगल संक्रमण से लड़ने में बहुत प्रभावी होते हैं।