हिमाचल में बनी 8 दवाओं के सैंपल फेल, निर्मित दवाओं की गुणवत्ता पर उठे सवाल

सुरेंद्र सिंह सोनी। बद्दी

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के 8 दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतर पाई है। इन दवाओं में संक्रमण, अस्थमा, कोलेस्ट्रॉल, एंटीपैरासिटिक, एंटीबायोटिक सहित श्वास संबंधी समस्याओ के उपचार की दवाएं व एंटीसेप्टिक ऑइंटमेंट शामिल है।

सीडीएससीओ द्वारा जारी जून माह के ड्रग अलर्ट में नालागढ़, बददी व परवाणू स्थित उद्योगों में निर्मित दवाएं सब स्टैंडर्ड निकली। सीडीएससीओ ने जून माह में देश के अलग अलग राज्यों से 1096 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे जिनमें से जांच के दौरान 26 दवाएं सबस्टैंडर्ड निकली है जबकि 1070 दवाएं गुणवता के पैमाने पर सही पाई गई है।

फिलवक्त राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सबंधित दवा उद्योगों को कारण बताओं नोटिस जारी कर सबस्टेंडर्ड दवा उत्पादों का पुरा बैच तत्काल बाजार से हटाने के आदेश जारी कर दिए है। इसके अतिरिक्त सबंधित क्षेत्र के सहायक दवा नियंत्रकों को दवा निर्माण इकाई का दौरा कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के भी निर्देश दिए गए है।

डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मुनीश कपूर ने बताया कि सीडीएससीओ दवारा जारी जून माह के ड्रग अलर्ट में शामिल सभी सबंधित दवा कंपनियों को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिए गए है, इसके अलावा सहायक दवा नियंत्रकों से विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की गई है, जिन दवा कंपनियों की दवाएं बार बार सबस्टेंडर्ड निकल रही है, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय व राज्य नियामक दवारा दवाओं की सैंपलिंग जनता को सबस्टेंडर्ड दवाओं के इस्तेमाल से रोकने व जागरूक करने के मकसद से ही की जाती है।