हिमाचलः पिछले एक साल से चक्की पुल बंद, लोग परेशान

उज्ज्लव हिमाचल। नूरपुर

नूरपुर जैसा कि सभी को विदित है कि भारी बरसात के कारण जहां पिछले वर्ष रेलवे का पुल अवैध खनन की भेंट चढ़ गया था वहीं साथ वाला पुल रोड ट्रांसपोर्ट का बहुचर्चित चक्की पुल भी इसकी चपेट में आ गया है। इस पुल को बनाने में एनएचएआई पिछले 1 वर्ष से प्रयासरत है परंतु अभी तक चक्की पुल रिपेयर नहीं हुआ है। इस वजह से दोनों और पंजाब व हिमाचल के जो सीमावर्ती लोग हैं। उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि एनएचएआई ने इस पुल के लिए सभी गाड़ियों का आना जाना बंद कर रखा है। केवल पैदल आने जाने वाले लोगों के लिए इसे खोल रखा है। परंतु जो प्रतिष्ठित लोग हैं या फिर बीमारी का बहाना बनाकर या फिर एनएचएआई के लोग ही अपनी गाड़ियों से आते जाते हैं। इसका स्थानीय लोग बहुत समय से विरोध कर रहे हैं लेकिन आज सुबह जब स्थानीय लोगों ने बाहर के लोगों को गाड़ियों से पुल पर आते जाते देखा तो उन्होंने उन गाड़ियों को रोककर पूछताछ करनी शुरू कर दी।

हिमाचल अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संघ के सह निदेशक राजेश पठानिया को भी इस स्थान पर बुलाया गया। उन्होंने लोगों की समस्याएं विस्तारपूर्वक से सुनी। उनके साथ स्थानीय प्रधान नरेंद्र कुमार और उपप्रधान सुचा सिंह भी मौजूद रहे। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन सिफारिश वाली गाड़ियों को आने जाने दे रहा है और आम जनता को आने जाने के लिए रोका जाता है। स्थानीय लोगों की बात को सुनकर राजेश पठानिया ने नूरपुर एसडीएम से मौके पर बात की लेकिन एसडीएम ने कहा कि हम ने किसी को भी परमिशन नहीं दी है। हम केवल मेडिकल ग्राउंड पर ही परमिशन देते हैं। चक्की पुल को दो पहिया वाहनों के लिए खोलना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसके बाद राजेश पठानिया ने एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विकास सुरजेवाला से इस संबंध में बात की तो उन्होंने कहा कि हमने किसी भी गाड़ी को परमिशन नहीं दी है और हम दो पहिया वाहनों के लिए अभी इजाजत नहीं दे सकते। क्योंकि बरसात के कारण हम लोग आम जनता की जिंदगी खतरे में नहीं डाल सकते।

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इस पर लोगों का कहना है कि जब दिन में करीब 500 गाड़ी मेडिकल ग्राउंड की झूठी रिपोर्ट बनाकर आ जा सकती हैं तो उनकी जिम्मेदारी कौन लेता है। जनता का कहना है कि उन्हें दो पहिया वाहनों के लिए चक्की पुल पर आने जाने की छूट दी जाए। हमारी चिंता एनएचएआई ना करें। हम इसके लिए स्वयं जिम्मेदार रहेंगे। विदित रहे की चक्की पुल पिछले 1 वर्ष से बंद किया हुआ है और पिछले दो महीने से किसी को भी आने जाने की इजाजत नहीं है। फिर भी प्रशासन की मिली भगत के कारण दोनों और से लोग अपने रुतबे का इस्तेमाल करके आते जाते हैं।

इसका स्थानीय लोग पंजाब व हिमाचल की तरफ से विरोध कर रहे हैं। मौके पर तय किया गया की सभी व्यापार मंडल स्थानीय प्रधान पंचायत स्थानीय लोग प्राइवेट नौकरियां वाले स्टूडेंट सभी एक संयुक्त पत्र लिखकर एनएचएआई से यह मांग करेंगे कि उन्हें छोटी गाड़ियां और दो पहिया वाहन पुल से गुजरने की इजाजत दी जाए अन्यथा सोमवार को सुबह 7ः30 बजे चक्की पुल के ऊपर धरना दिया जाएगा। स्थानीय लोगों कहा कि जब तक उच्च अधिकारी प्रोजेक्ट डायरेक्टर आकर लोगो के बात नही करेंगे तब तक इस धरने को बंद नहीं किया जाएगा।

संवाददाताः विनय महाजन

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