रैल में वार्ड पंच से ली थी फ्री इंग्लिश लर्निंग सेंटर खोलने की प्रेरणा

-पराशर द्वारा रैल पंचायत में आयोजित किया गया 15वां महायज्ञ

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

कैप्टन संजय ने कहा है कि जीवन में धर्म-अध्यात्म का बहुत महत्व है और ईश्वर में श्रद्धा व आस्था रखने वालों के जीवन में सदैव इसका सकारात्मक प्रभाव बना रहता है। कहा कि वह क्षेत्रवासियों की सुख-स्मृद्धि, बच्चों के उज्जवल भविष्य और बुजुर्गों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए गांव-गांव में महयज्ञों का आयोजन करवा रहे हैं।

वीरवार को जसवां-परागपुर क्षेत्र की रैल पंचायत के सांडा गांव में आयोजित 15वें महायज्ञ में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए पराशर ने कहा कि सनातन धर्म में अध्यात्म सही अर्थों में हमें जीवन जीना सिखाता है। इस महायज्ञ में रैल पंचायत के 180 परिवारों के सदस्यों ने भाग लिया और टीला मंदिर के हवन कुंड आहुतियां डालीं।

संजय ने कहा कि अच्छा काम करने का विचार कहीं से भी लिया जा सकता है। जब पिछले वर्ष कोरोनाकाल के दौरान जब वह रैल पंचायत के मेहड़ा गांव में पहुंचे थे और कोरोना के नाश के लिए हनुमान चालीसा का पाठ स्थानीय वासियों के साथ मिलकर कर रहे थे तो ठीक उसी वक्त पंचायत की वार्ड पंच शंकुतला देवी ने उन्हें फ्री कंप्यूटर व इंग्लिश लर्निंग सेंटर खाेलने की प्रेरणा दी थी।

पराशर ने कहा कि देवी ने उन्हें कोरोना के बाद स्कूल बंद होने के बाद उपजे हालात और बच्चों की बौद्धिक व मानसिक क्षमता को बढ़ाने के लिए कुछ ऐसा करने का विचार दिया था, जिससे कि बच्चे पढ़ाई के साथ रचानात्मक गतिविधियों में भी भाग ले सकें। कैप्टन संजय ने कहा कि उसके तीन दिनों बाद ही उन्होंने गांव में पहला निशुल्क कंप्यूटर व इंग्लिश लर्निंग सेंटर खोल दिया।

बच्चों व अभिभावकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के बाद वह क्षेत्र के गांवों में ऐसे केंद्र खोलते गए। अब इन केंद्रों की संख्या का आंकड़ा 36 तक पहुंच गया है और कई पंचायतों में दो से तीन कंप्यूटर केंद्र भी संचालित किए जा रहे हैं। संजय ने कहा कि उनका विजन है कि गांवों में शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं में इजाफा हो और युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मुहैया करवाए जाएं।

कहा कि इन तीन बड़े सरोकारों पर उन्होंने अपने ससांधनों का उपयोग करके स्थानीय वासियों को राहत व सुविधा देने का प्रयास किया है, लेकिन उनका मानना है कि नागरिकों को मूलभूत अधिकारों को दिलाने के लिए स्थाई व्यवस्था खड़ी करनी होगी। इसके लिए व्यवस्था परिवर्तन करना होगा ताकि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को वह सुविधाएं पहले मिल सकें, जिनके दावे व वादे जनकल्याणकारी तंत्र करता है।

संजय ने कहा कि रैल पंचायत की समस्याएं उनके ध्यान में हैं। रैल क्षेत्रफल के हिसाब से जसवां-परागपुर क्षेत्र की बड़ी पंचायतों में गिनी जाती है। पंचायत की बस्तियों में पेयजल समस्या और संपर्क मार्गो की हालत में सुधार करना समय की आवश्यकता है। इस अवसर पर सेवानिवृत कैप्टन रमेश, चौधरी राम, प्रमोद सिंह, उत्तम चंद, सीता राम, बीरवल, गुरनाम सिंह, संजीव कुमार, यशपाल, किक्कर सिंह, पुष्पा देवी, सुरजीत सिंह, जुल्फी राम, ज्ञान सिंह, रंजीत, आशा देवी, संदेश कुमारी, नरेश और बरड़ू राम सहित गणमान्य मौजूद रहे।