हर किसी को इतिहास की जानकारी रखना बेहद जरूरी: कैप्टन संजय

-पराशर ने उझे खास में आयोजित किया 28वां महायज्ञ

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

कैप्टन संजय ने कहा है कि हम सबको इतिहास की जानकारी रखना बेहद जरूरी है। इतिहास के पन्नों से ही हमें पता चलता है कि हमारे पूर्वजों ने देश की आजादी के लिए इतिहास रचा था। मंगलवार को जसवां-परागपुर क्षेत्र की उझे खास पंचायत में आयोजित 28वें महायज्ञ के आयोजन पर संजय ने कहा कि 1846 में हिमाचल के नुरपुर के वीर वजीर सिंह पठानिया ने रियासत के तत्कालीन शासक जसवंत सिंह के साथ मिलकर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे।

पराशर ने कहा कि इस महान योद्धा को पूजा करते वक्त अंग्रेज सेना ने पकड़ लिया था और रंगून जेल में भेज दिया और वहां पर उन्हें काफी यातनाएं दी गईं और महज 24 वर्ष की आयु में यह महायोद्धा वीरगति को प्राप्त हो गया। संजय ने कहा कि हिमाचल के शूरवीरों ने देश की आजादी से पहले और बाद में राष्ट्र की सेवा के लिए अपना सर्वस्व कुर्बान किया है।

संजय पराशर ने कहा कि इतिहास का जिक्र हो रहा है तो उझे खास पंचायत के स्व. दौलत राम भी उनके प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। राम ने ही इस क्षेत्र में सबसे पहले आंखों के मेडीकल कैंप लगाने शुरू किए थे। ऐसे में जब उनके मन में ऐसा विचार आया तो उन्होंने स्व. दौलत राम से प्ररेणा लेकर स्वाणा गांव से स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया और हर्ष का विषय है कि अब तक एक सौ से ज्यादा मेडीकल कैंप आयोजित हो चुके हैं और इसमें पचास हजार से ज्यादा लाभार्थी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुके हैं। पराशर ने कहा कि सामाजिक मुद्दों पर हमेशा सार्थक व सकारात्मक चर्चा होती रहनी चाहिए।

सही मायनों में अगर समंदर मंथन होगा, तभी अमृत निकल कर भी बाहर आएगा। लेकिन विडंबना यह है कि शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे मुद्दों को एक तरफ से दरकिनार कर दिया गया है। जसवां-परागुपर क्षेत्र में इन सामाजिक सरोकारों पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है। संजय ने कहा कि बाथू पंचायत की बस्तियों में सपर्क मार्गों की हालत खस्ता है। स्थानीय सरकारी स्कूल में आधुनिक साइंस लैब का अभाव है और कई बस्तियों में बरसात के दिनों में भी पेयजल की किल्लत है।

पशु डिस्पेंसरी में कुछ समय के लिए चिकित्सक आते हैं। बाथू का क्षेत्र डाडासीबा के साथ लगता है, लेकिन स्थानीय विद्यार्थी कॉलेज में स्टाफ व साइंस विषय ने होने के कारण से ढलियारा में पढ़ने को मजबूर हैं। कुछ ऐसा ही हाल स्वास्थ्य सेवाओं का है। उझे खास में परिवहन सुविधा की कमी से भी गांववासियों को दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि की समस्याओं को समझने के लिए गहराई से सोचने व काम करने की जरूरत है।

पराशर ने कहा कि राजनीति में अंहकार की बजाय सेवा भाव होना चाहिए। बेशक आज की सियासत में जनसेवा की बजाय स्वार्थ की राजनीति हावी हो रही है। इस पर भी सभी को गहन चिंतन करना होगा। महायज्ञ में डेढ़ सौ से ज्यादा परिवारों के सदस्याें ने हवन यज्ञ में आहुतियां डालीं।

इस अवसर पर अवतार सिंह, पवन कुमार, सचिन, विकास, राजन, सुरम सिंह, मलकीयत सिंह, अमीं चंद, चरणजीत सिंह, प्रीतम चंद, किक्कर सिंह, काका राम, रमेश, ओंकार, अशोक, राजदेव, विजय, राकेश, मनाेज, सुभाष, ऊषा, ममता, उर्मिला, रीना, आशा, रेखा, वीना देवी महेंद्र सिंह और धर्म सिंह भी मौजूद रहे।