उज्जवल हिमाचल। हमीरपुर
मंडी-हमीरपुर (Mandi-Hamirpur) एनएच-03 निर्माण कंपनी ने एक साल पहले मकान का एक हिस्सा तोड़ा। अब एक माह पहले डंगा लगाने के लिए टूटे मकान के साथ खाई खोद दी। अपने सपनों का घर टूटने के तनाव में प्रभावित व्यक्ति की नौकरी छूट गई। एनएच निर्माण कंपनी अब डंगा लगाने में मनमानी कर रही है।
जबकि, लगातार बारिश से कमरों मे सीलन आ गई है। यह व्यथा है हमीरपुर जिला की बराड़ा ग्राम पंचायत के सपनेहड़ा गांव की विधवा सिमरो देवी के परिवार की। घर पर 32 वर्षीय सुधीर की 100 साल की बुजुर्ग दादी खलेलू देवी के माथे पर भी चिंता की लकीरें साफ पढ़ी जा सकती है। घर में कमाने वाला एकमात्र सहारा सुधीर भी अब बेरोजगार हो चुका है क्योंकि टूटे घर की चिंता ने उसे घर बैठने पर मजबूर कर दिया है।
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बता दें कि सिमरो देवी के परिवार की ही नहीं, बल्कि कोट से लेकर अवाहदेवी तक इन दिक्कतों से जूझ रहे अन्य कई परिवार भी मिल जाएंगे। पीड़ित सुधीर और उसकी माता सिमरो देवी ने बताया कि कंपनी के ठेकेदार और कर्मचारी उनकी एक नहीं सुन रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि एनएच निर्माण कंपनी के लोग उन्हें जुबान बंद रखने की धमकियां देते हैं। हम गरीब और मजबूर हैं, इसलिए उन्हें डराया जा रहा है। कंपनी अपनी मनमर्जी से काम कर रही है। सिमरो के अनुसार जहां तुरंत डंगा लगाया जाना चाहिए, वहां जानबूझ कर काम लटकाया जा रहा है।
सुधीर का कहना है कोई उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। हमारे नेता भी चुप्पी साधे हुए हैं। उन्हें अभी तक कोई मुआवजा तक नहीं मिला है। एनएच से विकास कम विनाश ज्यादा हो रहा है। सिमरो देवी ने बताया कि रसूखदारों को बचाया जा रहा है और गरीबों का नाश इस विकास में हो रहा है।
उन्होंने प्रशासन और एनएचएआई को तुरंत हस्तक्षेप कर कंपनी को सही ढंग से काम करने और न्याय दिलाने की मांग की है।इस बारे एनएचएआई के साइट इंजीनियर सुशील कुमार का कहना है कि मामला आज ही उनके ध्यान में आया है। वह मौके पर जाकर वास्तविकता जान समस्या का हल निकालेंगे।