उज्जवल हिमाचल। मंडी
मंडी के सराज घाटी (Saraaj Valley) के देवधार क्षेत्र की अराध्य और टिल्ली गढ़ की अधिष्ठात्री देवी कलशु लंबोदरी (Goddess Kalshu Lambodari) का वार्षिक मेला संपूर्ण विधि अनुसार संपन्न हो गया है। इस दौरान देवी कलशु लंबोदरी के हजारों श्रधालुओं ने अपनी हाजरी भरी। इस अवसर पर हारुओं द्वारा नाटी डालकर पुरानी परंपरा का निर्वहन भी किया गया।
जानकारी देते हुए देवी कलशु लंबोदरी के कटवाल भींद्र सिंहप व पुजारी गुमत राम ने कहा कि देवी कलशु लंबोदरी टिल्ली गढ़ की गढ़रानी और सात हार की अधिष्ठात्री है। देवी लंबोदरी की मंडी, सुंदरनगर, कुल्लू और शिमला में मान्यता है। अपने वार्षिक मेले के दौरान देवी आषाढ़ संक्रांति को अपने मंढार से देवधार मंदिर जाती हैं।
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उन्होंने कहा कि देवी द्वारा मंढार में दैवीय कार्यवाही का निर्वहन कर अपनी प्रजा की सुख शांति के लिए दो दिन हार फेर पर निकलती है। इसके उपरांत 3 आषाढ़ को देवधार में आदिशक्ति का वार्षिक मेला आयोजित होता हैं। मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आदिशक्ति देवी कलशु महाकाली लंबोदरी ने अपने पुरोहित के माध्यम से बताया कि इस बार मानव तथा पशुओं पर व्याधियों का प्रकोप रहेगा।
व्याधियों से बचने के लिए समस्त प्रजा को नित-नियम के साथ रहने की हिदायत दी है। बता दें कि देवधार सराज घाटी की दो ग्राम पंचायतों कांढ़ी और अनाह में स्थित है। ग्राम पंचायत अनाह, बाड़ा, कांढी, गुढ़ार, सरोआ और बागी बुनाड देवी महाकाली कलशु लंबोदरी के हार क्षेत्र में आता है।