गैर शैक्षणिक कर्यक्रमों से बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा असर…! लटक रहा भविष्य अधर में

स्कूलों में फरबरी और मार्च के माह में लगे गैर शैक्षणिक कर्यक्रमों पर रोक

उज्ज्वल हिमाचल। डलहौजी
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ खण्ड बनीखेत के अध्यक्ष ओम आज़ाद ने मीडिया से रू-ब-रू होते हुए ये जानकारी दी कि जब भी वार्षिक परीक्षाएं सिर पर होती हैं तो विभाग की तरफ से कुछ ऐसे आदेश पारित किए जाते हैं जोकि स्कूलों में शिक्षण प्रक्रिया को बाधित करते हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण वर्तमान में 20 मार्च से चलने वाली शिक्षकों की कार्यशाला है। इसके अलावा जैसे कि खण्ड स्तर पर वाद विवाद प्रतियोगिता, एस एम सी जागरूकता अभियान संबंधी कार्यशालाओं का आयोजन, कुछ दिवसों का पूरे साप्ताह भी इनमें से एक हैं।
अभी ग्रीष्मकालीन स्कूलों में छठी से बारहवीं कक्षा तक वार्षिक परीक्षाएं चली हुई हैं। जिसके बाद नॉन बोर्ड क्लासों की पेपर चेकिंग होगी, रिजल्ट बनाए जाएंगे इत्यादि बहुत कार्य हैं जो शिक्षकों को निपटाना होता है और अगर इस समय शिक्षक ही स्कूलों में नहीं रहेंगे तो यह सब समय रहते संभव नहीं है।
इन सभी गैर शैक्षणिक आयोजनों से स्कूलों में पढाई बेहद प्रभावित हुआ करती आई है और यह आयोजन हर वर्ष इसी रूटीन से करवाए जाते आए हैं। खण्ड अध्यक्ष ओम आज़ाद , कोषाध्यक्ष  एस.सूर्यवंशी ने  संयुक्त बयान जारी करते हुए बताया कि इन दो महीनों में ऐसे आयोजनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए ताकि शिक्षक बच्चों की पढ़ाई पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर पाएं।  खण्ड कार्यकारिणी ने शिक्षा  विभाग से मांग उठाई है कि इस विषय पर गहनता से विचार किया जाए तथा  शिक्षक और शिक्षार्थी हित में यह फैंसला जल्द लिया जाए और इसी साप्ताह शुरू होने वाली ऐसी कार्यशालाओं को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए

संवाददाताः तलविंदर सिंह