हिमाचलः बिना बस स्कूली बच्चों को स्कूल पहुंचना हुआ मुश्किल, रास्ते में सताता है पत्थरों का डर

Himachal: It is difficult for school children to reach school without bus, fear of stones on the way
हिमाचलः बिना बस स्कूली बच्चों को स्कूल पहुंचना हुआ मुश्किल, रास्ते में सताता है पत्थरों का डर

उज्जवल हिमाचल। करसोग
पूरे प्रदेश में बरसात में भारी बारिश से प्राकृतिक आपदाओं के चलते जन जीवन को बहुत नुकसान पहुंचा है। इस आपदा के दौरान सर्दियों के स्कूलों में कक्षाएं चल रही है। यहां उपमण्डल करसोग के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बखरोट में पढ़ने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को भारी बारिश के बीच कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल पहुंचना पड़ रहा है।

दरअसल बच्चों को यह समस्या एचआरटीसी करसोग डिपो द्वारा करसोग से सरही बस को बंद करने के बाद उत्पन हुई है, जो करसोग से सरही बस शाम को 4 बजे के बाद करसोग से सरही के लिए चलती है जबकि सुबह सरही से 7 बजे करसोग के लिए आती है लेकिन पिछले लगभग 15 दिनों से बस बन्द होने के कारण सोरता, बथारनाला ओर इसके आसपास से बखरोट स्कूल पढ़ने आने वाले छात्रों को रास्ते में पेडल स्कूल आते समय व घर जाते समय भूस्खलन व पत्थरों का डर सताता है लेकिन एचआरटीसी करसोग द्वारा इस रूट पर कम आय का बहाना बनाकर बस को बंद कर दिया गया है।

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इस समस्या को लेकर छात्रों को कहना है कि उन्हें हर रोज लागभग 14 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। रास्ते में जंगली जानवरों व भूस्खलन तथा पत्थरों का डर सताता है लेकिन मजबूरी है कि पढ़ने के लिए जोखिम उठाकर स्कूल पहुंचना पड़ता है ।

क्या कहते हैं एचआरटीसी अधिकारी
आरएम करसोग ने कहा कि सरही सड़क भूस्खलन होने के कारण बस को बंद किया गया है लेकिन उसके स्थान पर बंदली से करसोग एक अन्य बस चलती है जिसका समय बदलकर स्कूल समय पर चलाया जाएगा।

एग्जीक्यूटिव निदेशक विवेक चौहान ने कहा कि स्कूली बच्चों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आनी चाहिए। इस सम्बंध में क्षेत्रीय प्रवन्धक को बस बहाल करने के निर्देश दिए जाएंगे।

संवाददाताः पियूष शर्मा

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