MCM डीएवी महाविद्यालय कांगड़ा में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित

अंकित वालिया। कांगड़ा

एमसीएम डीएवी महाविद्यालय कांगड़ा में इनोवेशन इन नैनोटेक्नोलॉजी: इंपैक्ट ऑन हेल्थ कम्युनिकेशन डिफेंस वॉटर पुरीफिकेशन एंड एनवायरमेंट सेक्टर्स:( नैनो प्रौद्योगिकी में नवाचार स्वास्थ्य संचार पर प्रभाव रक्षा जल शोधन और पर्यावरण क्षेत्र) विषय पर आधारित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

इस सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ महावीर सिंह, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और डॉ. नीरज गुप्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय ने शिरकत की। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बलजीत सिंह पटियाल ने मुख्य वक्ताओं का महाविद्यालय में पहुंचने पर पुष्पगुच्छ प्रदान करके स्वागत किया।

यह एकदिवसीय सेमिनार तीन सत्रों में आयोजित किया गया। प्रथम सत्र में प्रोफेसर डॉ. महावीर सिंह ने मैग्नेटिक नैनो हाइब्रिड टेक्नोलॉजी इन हेल्थ एनवायरमेंट डाटा स्टोरेज कम्युनिकेशन एनर्जी एंड वॉटर पुरीफिकेशन सेक्टर्स ( स्वास्थ्य पर्यावरण संचार डेटा भंडारण संचार ऊर्जा और जल शोधन क्षेत्र में चुंबकीय नैनो हाइब्रिड प्रौद्योगिकी ) विषय पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया।

द्वितीय सत्र डॉ. नीरज गुप्ता ने द यूज़ ऑफ नैनो टेक्नोलॉजी ऑफ बायोमास वैलोरिजेक्शन फोकस ऑन कार्बन बेस्ड नैनोमेटेरियल (बायोमास वैलोराइज़ेशन की नैनो तकनीक का उपयोग कार्बन आधारित नैनोमटेरियल पर ध्यान ) विषय पर आधारित अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया।

सेमिनार के तृतीय सत्र में डॉ महावीर सिंह ने रोल ऑफ इलेक्ट्रिकल व्हीकल इन प्रेजेंट टाइम (वर्तमान समय में विद्युत वाहन की भूमिका) विषय पर आधारित अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सेमिनार के मुख्य संयोजक प्रो. शिवकुमार शर्मा कोर्डिनेटर डॉ. ऋतु, ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. अंकिता शर्मा एवं डॉ. कुलदीप सिंह, ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के सदस्य डॉ. राकेश कुमार, डॉ. क्षिप्रा सेन, प्रो साहिल सिंह, प्रो नंदिनी, प्रो सुरभि एवं महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग और भौतिक शास्त्र विभाग के स्नातकोत्तर कक्षाओं के समस्त छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

छात्र छात्राओं ने इन विषयों से संबंधित अपने सवाल भी इस दौरान उपस्थित प्रोफेसरो से किए। प्रोफेसरो द्वारा बताया गया कि इस तरह के सेमिनारों द्वारा बच्चो को भविष्य में कैरियर के ऑप्शन चुनने में आसानी होती है। इन सेमिनारों द्वारा बच्चो को अपने चुनिंदा विषयो में रिसर्च करने में काफी सहायता मिलती है। छात्र छात्राओं के विषयो से संबंधित संशय इस तरह के सेमिनारों द्वारा आसानी से दूर किए जा सकते है।