खोखले साबित हुए जिला सोलन को स्ट्रे कैटल फ्री करने के दावे, सड़कों पर भटक रहा गोवंश

सुरिंद्र सिंह सोनी। नालागढ़

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में इन दिनों आवारा और बेसहारा पशुओं का आंतक चल रहा है। नेशनल हाईवे समेत सड़कों पर पशु बेसहारा घुम रहे हैं जो कि हादसो को न्यौता दे रहे हैं। प्रदेश सरकार व गौ सेवा आयोग भी ज़िला सोलन को स्ट्रे कैटल फ़्री का दावा कर रहा है लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त सड़कों पर बेसहारा पशुओं की भरमार को ब्यान करती है।

हैरानी की बात तो यह है कि प्रदेश गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा के क्षेत्र में ही आज तक स्ट्रे कैटल फ़्री नहीं बन पाया है ऐसे में अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि प्रदेश भर में बेसहारा गाय व बैल किस हालात में सड़कों पर भटक रहे है। हालांकि प्रदेश सरकार दावा कर रही है कि बेसहारा गोवंश के लिए जगह जगह गौशालाएं व काऊ सैंचुरी बनाई गई है बावजूद इसके गोवंश को सड़कों पर भटकना पड़ रहा है।

नेशनल हाईवे बद्दी-नालागढ़ पर दर्जनों की संख्या में गोवंश सड़क पर बैठे रहते हैं कई बार आवारा पशु सड़क के बीचों-बीच बैठते हैं जिससे ट्रैफ़िक जाम सहित सड़क हादसों का भी ख़तरा बना रहता है। बता दें कि बीते सालों आवारा पशुओं को बचाते-बचाते हादसे व मौतें भी हो चुकी है।

नालागढ़ व बद्दी में बाज़ार व गलियों में ख़तरनाक बैलों की समस्या भी बनी है। यह खुंखार बैल कई बार लोगों पर हमला भी कर चुके है जिससे कई लोग चोटिल भी हो चुके है। इन बैलों को आसरा देने के लिए करोड़ों रूपये की लागत से हांडाकुडी में काऊ सेंचुरी बनाई गई है जिसके बाद भी बैल सड़कों पर नज़र आ रहे है।

गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने बताया कि स्ट्रे कैंटल को गऊ शालाओं में समय समय पर भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के कार्यकाल में अब तक 222 गऊशालाओं का निर्माण किया जा चुका है।
परंतु देखने वाली बात यह है की प्रदेश सरकार द्वारा बड़े बड़े दावे करने के बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है