हिमाचलः सुक्खू सरकार की न व्यवस्था बदली और न ही अवस्था बदली, कैबिनेट मंत्री के आदेशों की अधिकारी कर रहे अनदेखी

लोगों ने सुक्खू सरकार से विभाग द्वारा रोके गए रास्ते को खुलवाने की उठाई मांग

Himachal: Neither the system of the Sukhu government has changed nor the situation has changed, the officers are ignoring the orders of the cabinet minister
हिमाचलः सुक्खू सरकार की न व्यवस्था बदली और न ही अवस्था बदली, कैबिनेट मंत्री के आदेशों की अधिकारी कर रहे अनदेखी

उज्जवल हिमाचल। ज्वाली
जल शक्ति विभाग मंडल ज्वाली के अंतर्गत गांव कार्डियाल में नलकूप नंबर 59 की चारदीवारी करते हुए जल शक्ति विभाग के ठेकेदार ने किसानों के खेतों को जाने वाले सरकारी रास्ते पर निर्माण कार्य करते हुए रोक दिया। अब वहां के किसान अपने खेतों की बिजाई तथा जोताई करने के लिए परेशान हैं।

किसानों में अजय कुमार, संजय कुमार, रंजय कुमार, विजय कुमार, सुभाष सिंह, लेखराज, राय सिंह, देवराज इत्यादि ने कहा कि हमने जल शक्ति विभाग के ठेकेदार, कनिष्ठ अभियंता और सुप्रीटेंडेंट को शिकायत पत्र के साथ रास्ते का नक्शा भी दिया था और ठेकेदार द्वारा किए जाने वाले निर्माण कार्य पर भी घटिया मैटीरियल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ठेकेदार द्वारा ईंटों का कचरा और खड्ड की धूल भसड़ चेपी जा रही है।
लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों की ओर से कोई भी कदम नहीं उठाया गया केवल अपनी कुंभकर्णी नींद में लीन है। इससे पहले उन्होंने हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं पशु पालन मंत्री व ज्वाली के विधायक चंद्र कुमार को भी इस समस्या के बारे में अवगत करवा चुके है लेकिन कोई भी असर नहीं हुआ।

बड़ी हैरत की बात है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू कहा करते थे कि हम व्यवस्था बदलेंगे। किसानों की दशा सुधारने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। लेकिन यह सब बातें भाषणों में ही सिमट कर रह गई है। धरातल तक नहीं पहुंच पाई। जिला कांगड़ा के इकलौते मंत्री ने उस शिकायत पत्र के ऊपर जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता अजय शर्मा को लिखा भी था कि किसानों के मामले को देखा जाए और सही कार्रवाई अमल में लाई जाए, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।

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तो बताओ मुख्यमंत्री सुक्खू महोदय आपके कृषि एवम पशु पालन मंत्री चंद्र कुमार के लिखित आदेशों की जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता अजय शर्मा जरा भी परवाह नहीं कर रहे हो तो ऐसे में मुख्यमंत्री सुक्खू महोदय न तो व्यवस्था बदलेगी और न ही अवस्था बदलेगी।

बता दें कि अगर विभाग कोई गलत काम करता है तो लोगों की दौड़ स्थानीय एमएलए या फिर स्थानीय मंत्री तक ही सीमित होती है। अगर वहां से भी कोई न्याय नहीं मिलता है तो फिर राम भरोसे। अब सवाल उठता है कि कैबिनेट मंत्री लिखित आदेश देते हो और अधिकारी के कानों में कोई भी जूं न रेंगे तो साफ जाहिर है कि या तो मंत्री और अधिकारियों का अच्छाखासा तालमेल हो या फिर मंत्री की कोई पेश न चल रही हो।

लोगों ने सुक्खू सरकार से मांग की है कि जो सरकारी रास्ता विभाग व विभाग के ठेकेदार द्वारा रोका गया है उसे तुरंत खुलवाया जाए। उन्होंने कहा कि अब जनता जागरूक हो चुकी है इसलिए जल शक्ति विभाग गलतफहमी में न रहे । गुसाए किसानों ने एक स्वर में चेतावनी देते हुए कहा है कि फिलहाल हम विभाग की कारगुजारी को देख रहे है।

अगर विभाग सरकारी रास्ते पर हो रहे निर्माण कार्य को नहीं हटाता है तो विभाग के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे और सरकारी रास्ते पर हुए निर्माण कार्य को भी तोड़ेंगे। जब इस बारे जल शक्ति विभाग ज्वाली के अधिशाषी अभियंता अजय शर्मा से बात हुई तो उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने नलकूप के लिए भूमि दान की है उनका कहना है कि रास्ता नलकूप तक ही है।

फिर भी राजस्व विभाग से निशान देयी करवाकर जो भी उचित करवाई होगी उसे किया जाएगा। इस संदर्भ बारे हिमाचल प्रदेश के कृषि एवम पशु पालन मंत्री चंद्र कुमार से बात हुई तो उन्होंने बताया कि मेरे पास कुछ कार्डियाल के किसान आए थे और मैने जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता को लिख दिया कि मौका देखकर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाए।

संवाददाताः चैन सिंह गुलेरिया

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