उज्जवल हिमाचल। करस़ोग
पांगणा पंचायत के प्रधान बसंत लाल को माननीय उपायुक्त अरिंदम चौधरी (Aridham Choudhary) के न्यायालय ने अपील खारिज़ करते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया है। गौरतलब रहे कि पांगणा पंचायत के प्रधान के विरुद्ध उनके प्रतिद्वंदी ने एक चुनाव याचिका दायर की थी।
जिसमें माननीय उप-मंडलाधिकारी नागरिक व पंचायती राज अधिनियम 1994 के तहत आथराईजड ऑफिसर सन्नी शर्मा की अदालत ने कार्यवाही करते हुए फैसला सुनाया था कि याचिकाकर्ता की मांग सही है और नोमिनेशन के समय शपथ पत्र पर गलत व झूठी जानकारी देने के आधार पर चुनाव याचिका को मंजूर करते हुए पंचायत प्रधान पांगणा को अयोग्य घोषित कर दिया था।
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बता दें कि वर्ष 2021 में पंचायती राज चुनाव हुए थे और उसमें एडवोकेट जितेन्द्र महाजन ने प्रधान के नोमिनेशन फार्म व शपथ पत्र को आधार बनाते हुए एक चुनाव याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उपरोक्त प्रधान के ऊपर एक क्रिमिनल केस जो माननीय अदालत जेएमएफसी करसोग में आईपीसी के सेक्शन 447, 147, 149, 427 तथा फारेस्ट एक्ट के सेक्शन 32, 33 के तहत विचाराधीन है और उसने जनता के बीच अपनी छवी स्वच्छ रखने के लिए उपरोक्त विचाराधीन केस की जानकारी छुपाई थी।
जिस पर उप-मंडलाधिकारी नागरिक व पंचायती राज अधिनियम 1994 के तहत आथराईजड ऑफिसर सन्नी शर्मा ने कार्यवाही करते हुए उपरोक्त प्रधान को बाहर का रास्ता दिखाया था और अब जिला मण्डी के माननीय उपायुक्त अरिंदम चौधरी के न्यायालय ने एडवोकेट भीम सिंह ठाकुर की दलील पर उपरोक्त फैसले को सही ठहराते हुए पंचायत प्रधान की अपील को खारिज़ किया और पांगणा पंचायत प्रधान पद के चुनाव को तुरंत प्रभाव से निरस्त व रद्द कर दिया है। अब पंचायत का नये सिरे से चुनाव होगा।