स्कूली छात्राओं को आत्म रक्षा के गुर सीखा रही हिमाचल पुलिस

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

हिमाचल पुलिस द्वारा अपने विभाग के आत्मरक्षा के गुणों में प्रवीण पुलिस कर्मियों द्वारा स्कूली छात्राओं को आत्म रक्षा के गुरों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी कड़ी में पुलिस कर्मी आरक्षी कमल किशोर जो कि आत्मरक्षा की बेहतरीन कला ताइक्वांडो में भारतीय खेल प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त डिप्लोमा कोच भी है, इन दिनों स्थानीय गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल खलीनी शिमला में पिछले पांच दिनों से स्कूली छात्राओं को आत्मरक्षा के गुणों का प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में स्कूल की लगभग 90 छात्राएं अपनी स्वयं की रक्षा हेतु हाथों एवं पैरों के इस्तेमाल से बिना शस्त्र के विभिन्न रक्षात्मक गुरौं को सीख रहीं हैं।

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इस प्रशिक्षण के दौरान छात्राओं को गुड एवं बैड टच, यौन उत्पीड़न क्या होता है। बिना शस्त्र के मुकाबला कैसे करना है, यौन उत्पीड़न पर कैसे शिकायत दर्ज करनी है और पुलिस से कैसे और कब संपर्क करना चाहिए। संकट के समय कौन-कौन सी सोशियल मीडिया ऐप होती हैं। अपराध क्या है और इसके कितने प्रकार होते हैं और इसकी रिपोर्ट कैसे करनी है, घरेलू हिंसा क्या है। इसकी शिकायत कैसे करनी है इत्यादि अनेक महतावपूर्ण विषयों की जानकारी छात्राओं को दी जा रही है। गौरतलब है कि कमल किशोर पुलिस आरक्षी वर्ष 2014 से निरंतर इस तरह के प्रशिक्षण देते आ रहे हैं और पुलिस एवं शिक्षा विभाग द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान के अंतर्गत अब तक प्रदेश में करीब 40,000 स्कूली छात्र-छात्राओं को आत्मरक्षा के गुरों का प्रशिक्षण दे चुके हैं।

वहीं, स्कूल के प्रधानाचार्य सुरेश पठानिया अपने स्कूल में छात्राओं के लिए हिमाचल पुलिस एवं शिक्षा विभाग द्वारा लगाए गए इस आत्मरक्षा के प्रशिक्षण कैम्प से अति उत्साहित हैं एवं उन्होंने बताया कि इस तरह का प्रशिक्षण कैंप निश्चित तौर पर छात्राओं का आत्मविश्वास एवं आत्मबल बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा, जिसके भविष्य में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उक्त विभागों को इस तरह के कार्यक्रमों हेतु धन्यवाद देते हुए कहा कि यदि इस तरह के कार्यक्रम और अधिक दिनों तक चलाए जाएं, तो छात्राओं के लिए और भी अधिक मूल्यवान सिद्ध होंगे। उन्होंने स्कूल की सभी छात्राओं को कैंप में भाग लेने एवं सीखने के लिए उत्साहित किया।