निजी बस ऑपरेटरों ने फिर मांगी राहत, थम सकते हैं पहिए

उज्जवल हिमाचल। शिमला

कोरोना संकट में कम सवारियों की समस्या से जूझ रहे प्रदेश के निजी ऑपरेटरों ने बसें चलाने में असमर्थता जाहिर की है। हालांकि कुछ महीनों से बसों की ऑक्यूपेंसी दर में बढ़ोतरी हुई है। निजी ऑपरेटरों के संघ ने सरकार से टोकन टैक्स, विशेष पथकर माफ करने की मांग उठाई है। संघ के पदाधिकारी इस संबंध में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर से मुलाकात करेंगे। हालांकि सरकार ने संघ की मांग पर ही किराये में बढ़ोतरी की थी पर ऑपरेटर अभी भी इस कारोबार को घाटे का सौदा करार दे रहे हैं। हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के अनुसार प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर बस चलाने की स्थिति में नहीं हैं।

कारोबार को बताया घाटे का सौदा, टैक्स माफ करने की मांग

यहां पर जारी एक संयुक्त बयान में संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर, प्रदेश महासचिव रमेश कमल, उप प्रधान वीरेंद्र गुलेरिया, विजय ठाकुर, जितेंद्र ठाकुर, संयुक्त सचिव सुखदेव शर्मा, अखिल शर्मा, विनिया अमीन, मनु शर्मा, रवि दत्त शर्मा, भारत भूषण, चंदन करीर, जरम सिंह, संदीप शर्मा, कुलबीर सिंह, विधि सचिव दिनेश सैनी, प्रवक्ता मनोज राणा, जिला कांगड़ा वेल्फेयर सोसायटी के प्रधान रवि दत्त शर्मा, उपप्रधान वीरेंद्र मनकोटिया, हमीरपुर के राजकुमार, मंडी की सुरेश ठाकुर, सिरमौर से मामराज शर्मा, चंबा से रवि महाजन, बिलासपुर के प्रधान राजेश पटियाल एवं महासचिव राहुल चौहान, ऊना पवन ठाकुर, रामपुर के हरमिद्र शर्मा, रजनीश काल्टा, सरकाघाट से भीम सिंह रांगड़ा, सोलन के प्रधान जॉनी मेहता ने कहा हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटरों ने सरकार के निर्देशानुसार बसें चलाने का फैसला किया था। लेकिन कुछ ऑपरेटरों की बसें अभी तक भी नहीं चल रही हैं।

सडक़ों पर सिर्फ 40 फीसदी बसें

40 फीसदी बसें सडक़ों पर दौड़ रही हैं। शेष 60 फीसद बसों के न चलने का कारण सवारियां न होना, डीजल एवं कलपुर्जे महंगा होना है। उन्होंने सरकार से वर्किंग कैपिटल जल्द जारी करने की मांग की है।