एक्स पैरामिलिट्री वेलफ़ेयर एसोसिएशन ने जवानों के शहीद होने पर एक करोड़ मुआवजा देने की उठाई मांग

उज्जवल हिमाचल। शिमला

प्रदेश के अर्धसैनिक बलों के  मुददों को लेकर एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन के लीगल प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर से राजभवन में मुलाकात की ओर ज्ञापन सौंपा। जिसमें प्रदेश में अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड के गठन करने के साथ ही जवानों के शहीद होने पर उनके परिजनों को एक करोड़ देने की मांग की साथ ही प्रदेश के सभी जिला स्तर पर भी अर्धसैनिक के लिए अलग से डिस्पेंसरी खोलने ओर पेंशन देने का आग्रह किया गया।

एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह ने कहा कि देश की सुरक्षा में अर्धसैनिक बलों का बहुत बड़ा योगदान है लेकिन सेना की तरह उन्हें सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। आए दिन देश की सुरक्षा करते हुए जवान शहीद हो रहे हैं लेकिन उन्हें इस तरह की सम्मानजनक राशि नहीं मिल पाती है जिसके उसके परिवार का भरण पोषण हो सके। आज अर्धसैनिक एसोसिएशन द्वारा राज्यपाल राजेंद्र नाथ से मुलाकात की गई और उन्हें मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा गया।

जिसमें  राज्यपाल से प्रदेश में अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड के गठन करने को कहा गया है ताकि सेवारत, सेवानिवृत एवं शहीद परिवारों की पेंशन, पुनर्वास एवं कल्याणकारी योजनाओं को लागू हो सके। शहीद परिवारों को मिलने वाली सहायता सम्मान राशि को एक करोड़ करने की  गुहार लगाई ताकि जिस जवान ने देश के लिए  बलिदान दिया है।

उसके परिवार के भरण पोषण में मिली सम्मान राशि सहायक सिद्ध हो सके। राज्यपाल से प्रदेश के हर जिलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं वास्ते जिलास्तर पर सीजीएचएस डिस्पैंसरियों / वेलनेस सेंटरों की स्थापना करने का आग्रह किया गया है ताकि प्रदेश के दुरदराज एवं दुर्गम पहाड़ी इलाकों में रहने वाले हजारों पैरा मिलिट्री चौकीदार लाभान्वित हो सकें।

वहीं, उन्होंने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का भी विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सेना में  ठेकेदारी प्रथा शुरू करना दुर्भाग्यपूर्ण है। देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जाना चाहिए। सरकार 4 साल के लिए अग्निपथ के तहत युवाओं को भर्ती कर रही है जबकि 6 महीने इनको कदमताल में ही निकल जाएंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से सेना में नियमित रूप से ही भर्ती करने की सलाह दी।