हिमाचलः कालका-शिमला व कुल्लू -मनाली एनएच निर्माण में बरती गई अनियमितताओं की एसआईटी करे जांचः टिकेंद्र पंवर

हिमाचलः कालका-शिमला व कुल्लू -मनाली एनएच निर्माण में बरती गई अनियमितताओं की एसआईटी करे जांचः टिकेंद्र पंवर

उज्जवल हिमाचल। शिमला
भ्रष्टाचार विरोधी मंच ने हिमाचल में भारी बारिश के बाद शिमला कालका और कुल्लू मनाली एनएच को हुए नुकसान को महज प्राकृतिक आपदा नही बल्कि इसे मानव प्रायोजित आपदा बताया है। मंच ने इस मामले की गहराई से जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग उठाई हैं। भ्रष्टाचार विरोधी मंच के संयोजक व पूर्व में उपमहापौर रहे टिकेंदर पंवर ने इसके लिए एनएचएआई को दोषी ठहराया है।
टिकेंद्र पंवर ने शिमला में कहा कि बारिश ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की दो परियोजनाओं चंडीगढ़ से शिमला और कीरतपुर से मनाली फोरलेन कार्यों की पोल खोल दी है। पहाड़ों की जिस तरह से कटान किया गया वह सही नही था नियमों के विपरीत कटान किया गया जिससे बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ।

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यह काम ऐसी कंपनी को दिया गया जिसको का कोई अनुभव नहीं था दोनों सड़कों की भूवैज्ञानिक रिपोर्ट सहित पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट भी सार्वजनिक डोमेन में नहीं है। इस लापरवाही का खामियाजा अब कुल्लू और शिमला के कृषि, बागवानी और टूरिज्म से जुड़े लोगों को उठाना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि निर्माण कंपनियों के साथ-साथ एनएचएआई अधिकारियों पर उनकी लापरवाही के लिए आपराधिक मुकदमा चलाया जाना चाहिए। सरकार को तुरंत एसआईटी का गठन करना चाहिए जो एनएचएआई के गड़बड़ झाले की जांच करेगा। उन्होंने मांग की है कि एनएचएआई को शिमला और कुल्लू में पर्यटन व सहायक इकाइयों सहित 500 करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए।

वन्ही टिकेंद्र पंवर ने शिमला जल प्रबंधन निगम पर भ्रष्टाचार के आरोप जड़े हैं। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए हर वर्ष टेंडर देने में धांधली की गई। हर साल ठेकेदारों को फ़ायदा पहुंचाने के लिए ठेकों में वृद्धि की गई। शिमला के लोगों के पैसे की बर्बादी की गई शिमला की जल व सीवरेज में 137 लाख प्रति वर्ष के स्थान पर 859 लाख रुपए ठेकदारों को दिए गए जिसमें 3 वर्ष में 722*3 पर 2166 लाख का अंतर आया। SJPNL में हुए भ्रष्टाचार की भी एसआईटी जांच होनी चाहिए।

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