हिमाचलः पटवारखानों की हालत हुई खस्ता, जान जोखिम में डालकर पटवारी कर रहे काम

हिमाचलः पटवारखानों की हालत हुई खस्ता, जान जोखिम में डालकर पटवारी कर रहे काम

उज्जवल हिमाचल। ज्वाली
कांगड़ा (Kangra) के ज्वाली विधानसभा के लगभग 99 प्रतिशत पटवार खाने जर्जर हालत में किसी अनहोनी घटना का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे है लेकिन विभाग अपनी पूरी गहरी निद्रा में लीन है। बड़े हैरत की बात है कि आजादी के बाद न जाने कितनी सरकारें आई और चली गई लेकिन किसी भी सरकार में बनाए गए राजस्व मंत्री का ध्यान इस तरफ नहीं गया व उनका ध्यान केवल अपने वेतन भत्ते तक ही सीमित रहा।

गौरतलब है कि कहने को राजस्व विभाग है और इस विभाग में काम करने वाले पटवारियों को काम करने के लिए छत तक नहीं। जर्जरा हालत में खड़े कमरे के अंदर अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर है पटवारी। जिसका उदाहरण भरमाड का पटवार खाना ही काफी है।

गुप्त सूत्रों के हवाले से पता चला है कि यह पटवार खाना विभाग द्वारा अनसेफ कर दिया गया है और फिर भी पटवारी अंदर काम कर रहा है। सवाल यह उठता है कि अगर ऐसी हालत में कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेवार कौन होगा। ऐसी नोबत भी विभाग को क्या आ गई कि अनसेफ कमरे में काम करना पड़ रहा है। ऐसा मालूम पड़ता है कि किसी अनहोनी घटना को अंजाम देना सरकार और सरकार के राजस्व विभाग के मंत्री और विभाग के उच्च अधिकारियों की सोची समझी चाल है।

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बता दें कि यह एक ऐसा विभाग है जो लोगों को हुए नुकसान के लिए राहत प्रदान करता है और इस विभाग के कर्मचारी भी लोगों से काफी राजस्व वसूल करते है। इतना धन होने पर भी इस विभाग की ऐसी दुर्दशा है जोकि आम लोगों को सोचने पर मजबूर कर देती है।

तभी तो किसी ने ठीक ही कहा है कि बेइमानी का धन कभी सुख सुविधा नहीं देता। समाज के बुद्धिजीवी वर्ग ने सुक्खू सरकार से गुहार लगाई है कि प्रदेश के समस्त पटवार खानों की सुध ली जाए ताकि कोई बड़ा हादसा न घटे क्योंकि इन पटवार खानों में हर वक्त पटवारी के साथ समाज के अन्य गरीब लोग भी अपने काम को करवाने के लिए मौजूद होते है।

जब इस संदर्भ के बारे में एसडीएम ज्वाली महेंद्र प्रताप सिंह से बात हुई तो उन्होंने बताया कि हमने सरकार को इस्टीमेट भेज दिया है और हम भी यही चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी बजट का प्रावधान हो जाए ताकि हम असुरक्षित पटवार खानों का निर्माण करवा सकें।

संवाददाताः चैन सिंह गुलेरिया

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