उज्जवल हिमाचल । धर्मशाला
हिमाचल (Himachal) के भीतर ही शिक्षा व रोजगार के इतने साधन पैदा करने होंगे ताकि प्रदेश के युवाओं को अपने घर से दूर बाहरी राज्यों में जाने की जरूरत ही न पड़े। हमारे राज्य का युवा इतना दक्ष हो जो रोजगार मांगने की बजाय देने वाला बने। यह बात भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता और इंदौरा से जिला परिषद सदस्य राहुल पठानिया ने धर्मशाला में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में कही।
राहुल पठानिया ने कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र के हर विधानसभा क्षेत्र में जन संवाद कार्यक्रम के जरिए लोगों के मुद्दों पर चर्चा और उसके समाधान को लेकर अभियान शुरू किया है। जनसंवाद का पहला कार्यक्रम जिला कांगड़ा के मुख्यालय धर्मशाला के क्म्यूनिटी हाल में शनिवार देर शाम को आयोजित किया गया। कोतवाली बाजार के सामुदायिक भवन में आयोजित जन संवाद में पठानिया ने कहा कि 15 विधानसभा क्षेत्रों व राज्य की 25 फीसदी आबादी वाले सबसे बड़े जिला कांगड़ा में विकास की अपार संभावनाएं हैं।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए केरल की तर्ज़ पर पौंग झील में वाटर मेट्रो चलाई जा सकती है। इसी प्रकार साथ लगते चंबा जिले के चमेरा बांध से पठानकोट के रणजीत सागर बांध तक वाटर मेट्रो का संचालन हो सकता है। राहुल पठानिया का कहना है कि कांगड़ा में धर्मशाला व पालमपुर जैसे नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर पर्यटन स्थल हैं जहां इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करके पर्यटन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के साथ ही हज़ारों रोजगार पैदा किए जा सकते हैं।
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भाजपा नेता ने गग्गल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डे के साथ रोपवे व पार्किंग स्थल विकसित करने का सुझाव दिया जिससे पर्यटक अपने सामान सहित बिना जीसी दिक्कत के धर्मशाला पहुंच सकें।
पठानिया ने मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल को इंगित करते हुए कहा कि चाहे 10 करोड़ घरों में रसोई गैस पहुंचाने की बात हो या आयुष्मान भारत योजना में हर व्यक्ति को मुफ्त इलाज़, कोरोना महामारी के समय फ्री वैक्सीन या करोड़ों लोगो को अपना घर ,मोदी सरकार ने समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाया है व आज भी पहुंचा रही है।
हिमाचल में फोरलेन नेटवर्क युद्ध स्तर पर डिवेलप किया जा रहा है। राहुल ने कहा कि हिमाचल में साफ हवा, पानी, बर्फ, कुदरती नज़ारे सब कुछ है। कुदरत की इन नेमतों को सहेज कर पर्यटन की दृष्टि से ऐसा बुनियादी ढांचा तैयार करने की जरूरत है जिससे पर्यटक यहां अच्छी सुविधाओं के साथ प्रकृति के बीच खुशनुमा लम्हें गुज़ार सकें।