करोना महामारी के चलते हिमाचल के फूल उत्पादक किसान हुए बदहाल

राजीव ठाकुर। मंडी

हम हिमाचल के मुख्यमंत्री का ध्यान प्रदेश के फूल उत्पादक किसानों के बारे में आकर्षित करना चाहते हैं। यह बताते हुए हमें अति वेदना हो रही है कि प्रदेश में हजारों की संख्या में फूल उत्पादन करने वाले किसान हैं, जिन्होंने प्रदेश सरकार की योजना के तहत अनुदान में पॉलीहाउस लगवाए और उनमें फूलों की खेती की। पोलीहाउस लगवाने और खेती करने के लिए उन किसानों ने लाखों के हिसाब से बैंकों से कर्ज ले रखे हैं।

कोरोना काल के पिछले 3 महीनों में उनका एक नए पैसे का फूल नहीं बिक सका। किसानों ने लाखों के फूल नदी नालों में फैंके। मजबूरी में काम में लगाई हुई लेवर को हटाना पड़ा। पोलीहाउस की देखरेख भी नहीं हो सकी और फूलों की फसल भी सुख गई। अब बे फूलों की फसल को उखाड़कर कोई नई फसल लगाने के बारे में सोच रहे हैं, परंतु उन्होंने पहले ही बैंकों से कर्ज उठा रखे हैं और वे नई फसल लगाने में भी असमर्थ हैं।

अपने प्रेस वक्तव्य में राष्ट्रीय किसान संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री देशराज मोदगिल और हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष सरदार हंसपाल सिंह ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि प्रदेश के फूल उत्पादक किसान कर्ज के बोझ तले दब गए हैं। लाखों रुपया बैंकों से जो कर्ज उठाया है, उसकी भरपाई करना उनके लिए मुश्किल है। उन्होंने कहा कि ऐसे हालातों में ही देश का किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा है। यही स्थितियां प्रदेश के फूल उत्पादक किसानों की बन रही है, जिसके बारे में गौर करना अति आवश्यक है।

मोदगिल तथा सरदार हंसपाल सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय किसान संगठन प्रदेश के मुख्यमंत्री से यह मांग करता है कि प्रदेश के फूल उत्पादक किसानों को कोई विशेष राहत राशि प्रदान की जाए तथा नई फसल लगाने के लिए भी उन्हें अनुदान दिए जाएं। उनकी बर्बाद फसल का सर्वेक्षण करवाया जाए और तुरंत कार्रवाई की जाए।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सरदार हंसपाल सिंह ने मांग की और कहा कि देश में कई सरकारों ने जैसे तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ आदि ने किसानों को विशेष राहत राशि की घोषणा कर दी है, उसी के अनुरूप हम हिमाचल प्रदेश सरकार से भी किसानों को कम से कम 20000 विशेष राहत राशि दिए जाने की मांग करते हैं, जिससे करोना काल में किसानों के हुए नुकसान की भरपाई हो सके हंसपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हित में अच्छा काम कर रही है और हम यह उम्मीद करते हैं कि किसानों के बारे में भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अवश्य सोचेंगे।