धर्मांतरण कानून कड़ाई से प्रदेश में हो लागू : मंच

हिन्दू जागरण मंच ने आज विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रेस क्लब शिमला में प्रेस वार्ता की। हिन्दू जागरण मंच ने लव जिहाद, लैंड जिहाद आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। हिन्दू जागरण मंच ने सरकार से मांग की है…

1) जिहादी और साम्प्रदायिक कट्टरता फैलाने वाली तबलीगी जमात पर तुरंत प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए ताकि यहां के सामाजिक सौहार्द , प्रदेश की शांतिपूर्ण कानून व्यवस्था और मजारों की गहनता से जांच की जानी चाहिए और वहां आकर रहने वाले बाहरी लोगों की पहचान को भी प्रशासन सत्यापित करे और बाहरी मौलवियों को यहां रहने की अनुमति न दी जाए। वहां से संचालित सभी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जानी चाहिए । हिमाचल प्रदेश में सभी मदरसों पर प्रतिबंध लगाया जाए। मदरसों से ही बहावी कट्टरता फैलाकर प्रदेश का माहौल बिगाड़ने का काम किया जा रहा है ।

  • हिन्दू जागरण मंच ने लव जिहाद पर प्रतिबंध लगाने की मांग की

2 ) विभिन्न शहरों और कस्बों में बाहरी फेरीवालों और अप्रवासियों को स्थायी निवासी प्रमाणपत्र गलत तरीके से जानबूझकर प्रदेश की डैमोग्रेफी को प्रभावित करने की मंशा से जारी किए जा रहे हैं। ऐसे कई मामले हिंदू जागरण मंच के संज्ञान में आए हैं इसका ताजा उदाहरण कुल्लू में देखने को मिला । ऐसी संदिग्ध गतिविधियों के प्रदेश में दूरगामी और घातक परिणाम होंगे । इस विषय की गंभीरता को समझते हुए सरकार को हिमाचल प्रदेश में शीघ्रातिशीघ्र NRC की प्रक्रिया को करना चाहिए ।

3) लैंड जिहाद द्वारा जिहादी मानसिकता के लोग हिमाचल के अनेक स्थानों पर अवैध मजारों , मस्जिदों और मदरसों का निर्माण कर सरकारी भूमि को कब्जाने का कुप्रयास कर रहे हैं । बिलासपुर में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। इस विषय पर तुरंत सभी जिलों में ऐसी घटनाओं को चिन्हित कर त्वरित कार्यवाही कर इन अवैध निर्माणों को हटाया जाए । कुल्लू के अखाड़ा बाजार में कानून और नियमों को ताक पर रखकर मस्जिद का अवैध निर्माण किया जा रहा है । इसमें मीनारों की ऊंचाई 80-90 फीट के लगभग है जोकि नियमानुसार बिलकुल गलत है । कुल्लू भूकंप के लिहाज से जोन 5 में पड़ता है । ऐसे निर्माण तो अखाड़ा बाजार जैसे अत्याधिक जनसंख्या के घनत्व वाले क्षेत्रों के लिए बहुत ही खतरनाक है जो किसी आपदा के समय जानमाल की हानि को बहुत अधिक बढ़ा सकते हैं । इस मस्जिद के निर्माण में भी सरकारी भूमि को जबरन कब्जाया गया है । पूरे प्रदेश भर में ऐसे मामले ध्यान में आए हैं । इसलिए प्रदेश में अंधाधुंध मस्जिदों के निर्माण की गहनता से जांच होनी चाहिए और लैंड जिहाद की इस सोची समझी साज़िश को रोका जाना चाहिए ।

4 ) हिमाचल प्रदेश में लव जिहाद के मामले आए दिन बढ़ रहे हैं जो जिहादियों की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है । जिसमें हिंदू लड़कियों को बहला फुसलाकर अथवा धोखे में रखकर अपने झूठे प्रेमजाल में फंसाया जाता है । आज सोशल मीडिया इसका सबसे बड़ा माध्यम बनकर सामने आया है।अधिकांश मामलों में लड़की को वास्तविकता का बोध ही नहीं होता और वह इस जिहादी सुनियोजित षड़यंत्र का शिकार हो जाती है।जब उसे सच का पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और वो उह्स दलदल से चाहकर भी नहीं निकल पाती । उसके बाद उनका सुनियोजित षड़यंत्र के तहत धर्म परिवर्तन किया जाता है । इसमें सीधे – सीधे मस्जिदों और मदरसों से फंडिंग की जाती है । हिंदू लड़कियों के मदरसों से रेट तय होते हैं । ऐसे अनेकों मामले हमारे सामने आ चुके हैं ।

सरकार यह सुनिश्चित करे कि कोई भी जनप्रतिनिधि अपनी आवंटित निधि से किसी भी मस्जिद अथवा मदरसे के निर्माण के लिए कोई राशि जारी न करें । जनता की गाढ़ी कमाई का धन केवल जनता और जनविकास के कार्यों पर ही व्यय किया जाना चाहिए न कि किसी समुदाय विशेष के निर्माणों पर । पूर्व में प्रदेश में कई स्थानों पर ऐसे मामले ध्यान में आए हैं । भविष्य में ऐसा न हो इसका ध्यान रखा जाना चाहिए ।

6.) हिमाचल प्रदेश में अनेक स्थानों पर ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित स्कुल चल रहे हैं। उन स्कूलों में विभिन्न फंडों के नाम पर अंधाधुध खुली लूट का कारोबार जारी है।उन सभी स्कूलों पर सरकार फीस के मापदंड तय करें । उन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुनियोजित । ढंग से धर्मातरण के लिए कडीशनिंग की जाती है । उनके पाठ्यक्रम और वहाँ आयोजित होने वाली गतिविधियां निक्षित तौर पर संदेह के घेरे में है । इन बड़े – बड़े नामी गिरामी संस्थानों का धन कहां प्रयोग होता है यह भी जांच का विषय है । ईसाई मिशनरियों को धर्मातरण के लिए धन उपलब्ध करवाने का काम करते हैं । ये स्कूल हिमाचल में धर्मातरण के काम को परोक्ष रूप से बढ़ाने का काम कर रहे हैं । इन पर नकेल कसना बहुत आवश्यक हिमाचल प्रदेश में धर्मातरण कानून को और अधिक कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए ताकि धर्मातरण के गोरखधंधे पर रोक लग सके ।