अनदेखी पर गुस्साए HRTC कर्मी, 18 अक्तूबर को थमेंगे बसों के पहिए

आशीष राणा। धर्मशाला

सरकार ने परिवहन निगम कर्मचारियों की मांगें न मानी और राज्य स्तरीय परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति को जल्द बैठक के लिए नहीं बुलाया तो 18 अक्टूबर तो निगम बसों के पहिए थम जाएंगे। चआरटीसी बस चालक यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष मिलाप चंद ने कहा कि लंबे समय से कर्मचारी जेसीसी की बैठक बुलाने का आग्रह कर रहे हैं, लेकिन सरकार आनाकानी करती आ रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि निगम कर्मियों के 34 माह के ओवरटाइम पर निगम प्रबंधन कुंडली मारकर बैठा हुआ है। प्रदेश के अन्य कर्मचारियों को डीए 159 फीसदी दिया जा रहा है, जबकि निगम कर्मियों को 144 फीसदी है। आईआर अन्य कर्मियों को 21 फीसदी दी जा रही है और निगम कर्मियों को 8 फीसदी। निगम प्रबंधन की ओर से जारी पत्र में चुनाव आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए 11 नवंबर को वार्ता हेतू बुलाने की बात कही गई है, जबकि निगम कर्मचारी मांगों के जल्द समाधान की बात कह रहे हैं।

मिलाप चंद ने बताया कि पत्र मिलने के बाद जेसीसी के पदाधिकारी मुख्य चुनाव आयुक्त से मिले थे, जिस पर उन्होंने कहा कि आपकी मांगें पुरानी हैं तथा कुछ नया नहीं है, जबकि सरकार आदर्श आचार संहिता का हवाला देकर 11 नवंबर को वार्ता की बात कह रही है।

हांफ जाती हैं लंबी दूरी की लाखों किमी चल चुकी बसें

मिलाप चद ने कहा कि लाखों किलोमीटर चल चुकी निगम की बसें लंबे रूटस पर हांफ जाती हैं, जिससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। हालांकि कई बार कहा जाता है कि निगम के बेड़े में नई बसें शामिल होने जा रही हैं, लेकिन अभी बसें आ नहीं पाई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति द्वारा कर्मचारियों की मांगे पूरी न होने के कारण 18 अक्तूबर 2021 को काम छोड़ो आन्दोलन (हड़ताल) का जो निर्णय लिया है, जिसके तहत यदि सरकार मांगें नहीं मानती है तो 18 अक्टूबर को प्रदेश में निगम बसों का संचालन नहीं किया जाएगा।