अब पत्रकारों ने छाती पर लिखना शुरू किया ‘मैं भी हूं पत्रकार’

अखिलेश बंसल। बरनाला

प्रेस कवरेज करने के दौरान मीडिया कर्मियों पर हमले करती आ रही पुलिस के खिलाफ जिला के पत्रकारों ने प्रदर्शन किया। ‘मैं भी पत्रकार हूं’ शब्द से लिखित स्लोगन अपनी छाती पर लगा लघु सचिवालय पहुंचे। जहां डिप्टी कमिशनर तेज प्रताप सिंह फूलका को मुख्य मंत्री पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह के नाम सौंपे गए ज्ञापन में हर मीडिया कर्मी की ओर से कहा गया कि पंजाब पुलिस द्वारा पत्रकारों पर किए जा रहे हमलों का सख्त विरोध करता हूं। ज्ञापन द्वारा मांग की गई कि ड्यूटी के दौरान पत्रकारों पर हमला करने वाले आरोपित पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए और पत्रकारों की ड्यूटी संबंधित कानून बनाया जाए।

पंजाब में घट चुकी हैं करीब एक दर्जन घटनाएं
मुख्यमंत्री पंजाब को लिखित पत्र द्वारा बरनाला प्रेस क्लब के अध्यक्ष चेतन शर्मा ने जानकारी दी है कि गत दिनों राज्यभर में अलग-अलग जिलों में करीब एक दर्जन घिनौनी घटनाएं हुई हैं, जिनमें मीडिया कवरेज कर रहे मीडिया कर्मियों से पंजाब पुलिस ने मारपीट की है और उन्हें जलील किया है। पत्र द्वारा सीएम को बताया है कि राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस द्वारा पत्रकारों से हुई मारपीट की घटनाओं की अनेक वीडियो शोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। उनमें काफी घटनाएं ऐसी भी घटी हैं, जो वायरल नहीं हो सकीं। क्यंूकि ऐसी घटनाओं की वीडियो बनाने का पीडि़तों को मौका ही नहीं मिला।

मीडिया का सहयोग लेने वाले भी रहे चुप
इंडीपेंडेंट प्रेस एसोसएशन रजि. पंजाब के महासचिव एडवोकेट करन अवतार कपिल ने चिंता व्यक्त करते कहा है कि राज्यभर में घटी घटनाओं के बारे में सरकार के अपने ब्यूरोक्रेट्स ने सरकार को जानकारी तक नहीं दी, जो कि हमेशा ही मीडिया कर्मियों का सहयोग लेते रहे हैं, जबकि कर्फ्यू के दौरान पत्रकारों ने पुलिस की ड्यूटी का सम्मान भी किया और लाजवाब कवरेज की। नतीजा यह है कि पत्रकारों की ड्यूटी को बड़ा ईनाम तो क्या देना था, बल्कि पुलिस ने कर्फ्यू और लाकडाउन दौरान ड्यूटी पर जाने वाले पत्रकारों की शान में अपशब्दों का इस्तेमाल करते जलील किया और मारपीट की।

यह उठाई मांगें
जिन पुलिस कर्मियों ने लॉकडाउन व कफर््यू के दौरान पत्रकारों से र्दुव्यवहार किया है मारपीट की घटनाओं को अंजाम दिया है, उन पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ सगीन धाराओं के तहत मुकद्दमें
दर्ज किए जाएं और उन्हें फौरन नौकरी से निष्काषित किया जाए। मीडिया कर्मियों एवं लोकतंत्र के
चौथे स्तंभ की रक्षा-सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाने की मांग की है, जिसमें कहा है कि ड्यूटी
कर रहे पत्रकारों को अगर कोई सरकारी अधिकारी, कर्मचारी या कोई अन्य व्यक्ति उसकी ड्यूटी को बाधित करता है और उस पर हमला करता है। उसके खिलाफ ड्यूटी में रुकावट डालने का पर्चा रजिस्टर होना चाहिए।