कोरोना के बावजूद मोदी के नेतृत्व में भारत न रुका है और न थका है : जेपी नड्डा

उज्जवल हिमाचल। डेस्क
संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन को ऐतिहासिक बताते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि उनका भाषण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित हो रहे भारत की तस्वीर पेश करता है। नड्डा ने कहा कि राष्ट्रपति ने मोदी सरकार द्वारा किसानों की समृद्धि, श्रमिकों व युवाओं के रोजगार, महिलाओं के सम्मान, पूरे देश के लिए स्वास्थ्य और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किए गए कामों का ब्योरा साझा किया है। उन्होंने कहा, ‘नए दशक और नए साल में संसद के पहले संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति का संबोधन ऐतिहासिक था। कोरोना जैसी महामारी के बावजूद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत न रुका है और न थका है। राष्ट्रपति ने देश को केंद्र सरकार के इन्हीं निरंतर प्रयासों के बारे में बताया। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पूरी दुनिया कोरोना काल में मोदी द्वारा लिए गए फैसलों की सराहना करती है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पूरी दुनिया प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में महामारी के दौरान 130 करोड़ देशवासियों को एकजुट रखने, राष्ट्रीय सुरक्षा व अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए साहसी फैसले लेने और जनकल्याण की आधारशिला रखने के प्रयासों की सराहना कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में वर्षों से लंबित समस्याओं और परियोजनाओं का समाधान किया गया, चाहे वह अनुच्छेद-370 का खात्मा हो, राम मंदिर का निर्माण हो या फिर बोडो शांति समझौता। विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किए जाने को भाजपा ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। पार्टी का कहना है कि देश के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राष्ट्रपति राजनीतिक मतभेदों से ऊपर होते हैं। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अहंकार ही समस्या की असली वजह है क्योंकि उसका मानना है कि वह देश पर शासन करने के लिए बनी है भले ही उसके पास जनादेश न हो। प्रसाद ने कहा कि विपक्षी दलों ने संसदीय परंपराओं का उल्लंघन किया है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के दौरान कई घोटालों के बावजूद भाजपा ने कभी भी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार नहीं किया। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उसने ¨हसा और लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज के कथित अपमान की निंदा तक नहीं की। कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान नारे लगाना बेहद पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण था।