चीन की हर हरकत से निपटने के लिए भारतीय सेना तैयार

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

पूर्वी लद्दाख में सर्दियों के दौरान चीन की किसी भी हरकत से निपटने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है। चीन के साथ जारी तनाव के बीच चुमार-डोमेचोक इलाके में एलएसी के पास T-90 और T-72 टैंकों समेत इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स को तैनात किया गया है। इनकी खासियत यह है कि ये नियंत्रण रेखा के पास माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पर काम करने में सक्षम हैं। 14 कॉर्प्स के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल अ​रविंद कपूर ने बताया कि ‘फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स’ भारतीय सेना का एकमात्र गठन है, जिसने ऐसे कठोर क्षेत्राें में यंत्रीकृत बलों को तैनात किया गया है।

टैंक, पैदल सेना से लड़ने वाले वाहनों और भारी बंदूकों को बनाए रखना इस क्षेत्र में एक चुनौती है। क्रू और इक्विपमेंट की तैयारी को सुनिश्चित करने के लिए आज हमारी सभी लॉजिस्टिक तैयारियां पर्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि लद्दाख में ठंड काफी कड़ाके की होने वाली है। ठंड के दौरान हमारी तैयारियां पूरी तरहे से नियंत्रण में हैं। हमारे पास ज्याद कैलरी और न्यूट्रिशन वाला राशन, ईंधन, तेल, कपड़े व हीटिंग अप्लायंस पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। फिलहाल सेना इन वाहनों के लिए इनके लिए 3 प्रकार के ईंधनों का उपयोग कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की कठोर सर्दियों के दौरान ईंधन जम न जाए।

पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बने सैन्य तनाव को खत्म करने में जुटे भारत और चीन के बीच इस बात की सहमति बनी है कि वे सीमा पर अब और सैनिकों की तैनाती नहीं करेंगे। यह सहमति दोनों देशों के बीच तकरीबन 14 घंटे तक चली कमांडर स्तरीय वार्ता में बनी। दोनों पक्षों ने संयुक्त बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है, जो इस बात को बताता है कि माहौल में कुछ सुधार हुआ है।

हालांकि इससे समूचे पूर्वी लद्दाख में सैन्य तनाव को कम करने में मदद मिलेगी, यह कहना जल्दबाजी होगी। 15 जून की रात एलएसी पर गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों की चीनी सैनिकों से छह घंटे चली झड़प में देश के बीस जवान बलिदान हुए थे, जबकि चीन के 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे। बिना एक भी गोली चलाए भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए चीनी सैनिकों की गर्दन और रीढ़ की हड्डियां तोड़ दी थीं।