नालागढ़ में नहीं थम रहे उद्योगों में लापरवाही के मामले, पढ़ें पूरी खबर क्या है मामला

सतलुज बिरला टैक्सटाइल में गर्म पानी के ड्रम से चार दिन बाद मिली ऑन ड्यूटी कामगार की डेड बॉडी

ईएसआई ओर पीएफ को लेकर ठेकेदार से चल रहा था विवाद

उज्ज्वल हिमाचल। नालागढ़

औद्योगिक क्षेत्र बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ के उद्योगों में लापरवाही के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं 2 फरवरी को झाड़माजरी में स्थित परफ्यूम उद्योग में हुए अग्निकांड के बाद से लापरवाही के 4 से 5 मामले सामने आ चुके हैं पर प्रशासन कार्रवाई करने में असमर्थ नजर आ रहा है। बद्दी की सतलुज बिरला टैक्सटाइल में हुए मामले का खुलासा तब हुआ जब मृतक कमलाकांत दास पुत्र किशन दास निवासी उड़ीसा उमर 40 वर्ष के चचेरे भाई जयदेव दास ने स्थानीय पत्रकारों और मजदूर संगठन के नेताओं से संपर्क किया। मृतक के भाई ने बताया कि मंगल बुधवार से मृतक कमल कांत से उसके परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा था।

इसके बाद शनिवार को उसका फोन स्विच ऑफ हो गया और आज उन्हें यह सूचना मिली कि उसकी मृत्यु हो गई है उन्होंने बताया कि उनके भाई का कुछ दिन पहले ईएसआई ओर पीएफ को लेकर ठेकेदार कमलेश मेवाड़ जो कि परिश्रम इंटरप्राइजेज के नाम से उद्योग में लेबर ठेकेदारी करता है। उनके बिच मे विवाद हो गया था जिसके बाद बुधवार से ही वह लापता चल रहा था  मृतक के भाई ने आरोप लगाया कि जब उसका भाई ड्यूटी पर आया तो उसकी हाजिरी लगी होगी पर जब वह पिछले चार दिन से उद्योग से बाहर ही नहीं गया तो उद्योग प्रबंधन ने या ठेकेदार ने उसकी तलाश क्यों नहीं की। अगर आज भी ड्रम को खाली नहीं किया जाता तो शायद उसके भाई की मौत का पता ही नहीं चल पाता मृतक के भाई ने प्रदेश सरकार व प्रशासन से मांग की है कि उसके भाई की मौत के कारणों का पता लगाया जाए और दोषियों पर  सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

वहीं इंटक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम ठाकुर ने कहा कि उन्हें देर शाम मृतक के भाई जयदेव दास का फोन आया और उसने अपने भाई की मौत के बारे में बताया जिसके बाद वह तुरंत अपने जिला अध्यक्ष और उनकी टीम के साथ उद्योग  पहुंचे पर ना तो उद्योग प्रबंधन का कोई आदमी वहां पर मिला और ना ही कोई फोन उठा रहा था। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाए अन्यथा मजदूर संगठनों को एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ सकता है। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी और मृतक के परिजनों को पूरा मुआवजा मिलना चाहिए।

संवाददाताः सुरेंद्र सिंह सोनी

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