उपायुक्त ने चैतडू, पासू बगली में राहत कार्यों का किया निरीक्षण

नुक्सान का प्राकलन तैयार करने के विभागीय अधिकारियों को दिए निर्देश

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। धर्मशाला

उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि बेघर हुए लोगों के पुनर्वास के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। प्रभावितों के लिए बगली में रिलीफ कैंप भी स्थापित किया गया है, जिसमें लोगों को ठहरने तथा भोजन इत्यादि की उचित व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही कैंप में ठहरे लोगों के लिए चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने धर्मशाला उपमंडल के बारिश से प्रभावित चैतडू, लोअर चैतडू, मनेड़, बगली व पासू में राहत तथा पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया तथा बारिश से हुए नुक्सान का प्राकलन शीघ्र तैयार करने के विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्रभावितों को राहत दी जा इसके साथ ही चैतडू-शीला मार्ग की मरम्मत के लिए भी आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया है।

इस दौरान उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने प्रभावितों से बातचीत भी की तथा उनकी समस्याओं का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए कांगड़ा जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है, जिसके चलते ही कांगड़ा जिला में आपदा से निपटने के लिए 15 करोड़ 31 लाख की राशि उपमंडलाधिकारियों को जारी कर दी गई है, ताकि राहत तथा पुनर्वास के कार्यों में किसी तरह की कमी नहीं रहे। इसके साथ ही उपमंडल स्तर पर आपदा से निपटने के लिए उपकरण भी पहले ही उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि शाहपुर के राजोल में खड्ड के बहाव को बदलने के लिए दस लाख की राशि लोक निर्माण विभाग को जारी कर दी है, ताकि कार्य में तेजी लाई जा सके।

उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि जिला स्तर पर पुनर्वास और राहत कार्यों की सुचारू मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके लिए नियमित तौर समीक्षा बैठक भी आयोजित की जा रही हैं, ताकि किसी भी स्तर पर कार्यों में कमी नहीं रहे और लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि आपदाओं से निपटने के लिए जिला तथा उपमंडल स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं।

मानसून सीजन में यह कंट्रोल रूम 24 घंटे खुले रहेंगे, ताकि आपदा से त्वरित प्रभाव से निपटा जा सके। आपदा की स्थिति में जिला मुख्यालय कंट्रोल रूम से टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मानसून सीजन के दौरान आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्यों के लिए सभी विभागों द्वारा नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं, ताकि आपदा प्रबंधन का कार्य सुचारू रूप से सके।