क्या नड्डा की रैली से कारोना नहीं फैलता : कुलदीप राठौर

कारोना पर जयराम सरकार ने जनता को छोड़ा राम भरोसे

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

मंत्रिमंडल के कुछ फ़ैसले पर विपक्ष को आपत्ति है। चार जिलों में सरकार ने नाईट कर्फ्यू लगाया है। इसके पीछे क्या वजह है। यदि किसी ने काम पर जाना है और वापस लौटना है, तो मुश्किल होगी। ये जनविरोधी फैसला है। ये आरोप कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने लगाए हैं। भारत अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा कारोना प्रभावित देश बन गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि हिमाचल में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मौतों का ग्राफ भी चढ़ रहा है।

गांव के गांव संक्रमित हो गए हैं। सरकार कारोना पर नियंत्रण पाने में असफल सिद्ध हुई है। समय रहते जो कदम उठाने चाहिए थे, वह नहीं उठाए गए। मुख्यमंत्री अस्पतालों की हालत न देखकर सिर्फ सचिवालय व घर से बैठकर आदेश दिए जा रहे हैं। जनता को राम भरोसे छोड़ दिया है। विपक्ष अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है, उसको लेकर सरकार राजनीति करने का आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में कोविड के मरीजों के लिए बेड तक नहीं है।

उपकरणों की कमी है, वेंटिलेटर चलाने के लिए स्टॉफ तक नहीं है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सरकार के कैबिनेट मंत्री ही सवाल उठा चुके हैं। लोग घर में मरना चाहते है, लेकिन अस्पताल जाने को कोई राजी नहीं। सरकार के नेता रैलियां कर रहे हैं। नड्डा के स्वागत में भीड़ एकत्रित करने की क्या जरूरत थी, क्या उस भीड़ से कारोना नहीं फैलता है। प्रदेश में जनता एवं सरकार के लिए अलग-अलग कानून है? भाजपा की आपसी लड़ाई भी जगजाहिर हैं।

कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष, जिला प्रभारी एवं प्रवक्ताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग हुई है। ये मीटिंग हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने ली है। बैठक में बूथ कमेटी को मजबूत करने पर बल दिया। साथ ही पंचायती राज चुनावों के लिए कमर कसने की बात कही। कांग्रेस संगठन में जिम्मेदारी व उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया जाएगा। पंचायत समिति एवं जिला परिषद के चुनाव में कांग्रेस पार्टी अपने उम्मीदवारों की पूरी मदद करेगी।

राठौर ने कहा कि प्रदेश का विकास रुक गया है। इसलिए जनता उनके उम्मीदवारों को चुनेगी। राठौर ने पंचायती राज चुनावों को सरकार द्वारा प्रभावित करने का भी अंदेशा ज़ाहिर किया है। अधिकारी कर्मचारी अपनी सीमाओं में रहकर काम करें। क्योंकि सरकारें बदलती रहती है। शीतकालीन सत्र को लेकर उनके विधायक दल के नेता जो निर्णय लेंगे, वह सर्वोपरि होगा।