लोकतंत्र के प्रहरियों को सरकार ने नवाजा

आपातकाल के समय जेल गए थे स्वयंसेवी

उज्जवल हिमाचल। शिमला

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को लोकतंत्र प्रहरी सम्मान समारोह में आपातकाल के समय जेल गए लोगों को किया सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 25 जून, 1975 का दिन देश के संविधान के लिए कुठाराघात था। आजादी होने के बावजूद भी लोगों के अधिकार छीने गए थे और सरकार के खिलाफ बोलने वाले लोगों को जेल में डाल कर यातनाएं दी गई। ऐसे दौर में भी जिन लोगों ने लोकतंत्र को बचाने के लिए अपनी आवाज बुलंद की। उन लोकतंत्र के प्रहरियों को सम्मान देने के लिए सरकार ने विधानसभा में कानून लाकर सम्मान राशि देने का भी निर्णय लिया है और आज शिमला में लोगों को सम्मानित भी किया गया है। युवाओं को इतिहास की जानकारी होनी चाहिए इसलिए सरकार ने यह कानून बनाया है।

वहीं सम्मान पाने वाले लोगों ने बताया कि सरकार ने एक पहल की है और लोकतंत्र को बचाने के लिए आपातकाल में जो दौर उन्होंने देखा है वह बहुत ही भयानक था। इंदिरा गांधी ने अपनी सरकार बचाने के लिए संविधान के दिए हुए अधिकारों को खत्म कर दिया था लेकिन स्वयंसेवी लोगों ने हार नहीं मानी और लोकतंत्र को बचाने के लिए सरकार के खिलाफ आंदोलन किया और 1977 में आज के ही दिन आपातकाल को हटाने में कामयाबी हासिल की।