बेरोजगार अध्यापकाें पर राजनीति न करें विक्रमादित्य : सचिव प्रकाश

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापक संघ के प्रैस सचिव प्रकाश चंद ने जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहा कि संघ की ऑनलाइन बैठक हुई। इसमें संघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह मनकोटिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय सिंह, महासचिव मनीष डोगरा, सचिव लेख राम, उपाध्यक्ष अजय रत्न व संजय राणा, मुख्य संगठन सचिव पुरषोत्तम दत्त, वित्त सचिव संजीव कुमार, संगठन सचिव यतेश शर्मा, हरिंद्र पाल व सपना, ऑडिटर सुधीर शर्मा एवं रणयोध सिंह, जिलाध्यक्ष कांगड़ा निर्मल सिंह, जिलाध्यक्षा ऊना रजनी वाला, जिलाध्यक्ष विलासपुर किशोरी लाल एवं जिला उपाध्यक्ष मंडी सुरिंदर सिंह आदि ने अपने सांझा बयान में कहा कि सरकार ने प्रदेश के सभी पात्र उम्मीदवारों को रोजगार के समान अवसर प्रदान करने के लिए संविधान की धारा 309 के अनुसार भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाएं।

इन भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार नियमित शिक्षकों की भर्ती या तो कमिशन से हो सकती है या वैचवाईज हो सकती है। कमिशन और वैचवाईज के माध्यम से भर्ती करने के लिए कुछ समय लगता है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार पॉलिसी बनाती है, जिसमें यह प्रावधान किया जाता है कि जैसे ही नियमित शिक्षक आएगा। वैसे ही अस्थायी शिक्षक की सेवाएं अपने आप समाप्त हो जाएंगी। सरकार ने अस्थायी शिक्षकों के मामले में कोर्ट में सही पक्ष रखा कि यह नियुक्तीयां अस्थाई हैं, जो स्टाप गैप अरेंजमेंट के तहत की गई हैं। विधायक विक्रमादित्य सिंह एवं विनय कुमार इस पर वोट वैंक की राजनीति कर रहे हैं।

प्रदेश के लाखों बेरोजगारों के परिवारों ने इनके बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसका उत्तर उचित समय आने पर दिया जाएगा। बेरोजगार संघ ने सरकार से आग्रह किया है सभी बाधाओं को दूर करके नियमित शिक्षकों की भर्ती शीघ्र अतिशीघ्र की जाए। ज्ञात रहे सरकारी स्कूलों में अधिकांश शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं, जिससे विद्यार्थियों की शिक्षा पर विपरीत असर पड़ा रहा है।

सरकार ने 1724 टीजीटी शिक्षक सरकारी स्कूलों को लॉकडाउन के दौरान उपलब्ध करवाने का वायदा किया था, जो अभी पूरा नहीं हुआ है। सरकार को 3636 शिक्षकों की चल रही भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के साथ साथ 793 पीजीटी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी शूरू कर देनी चाहिए।