कांग्रेस ने किसी भी पोंग विस्थापित को कांगड़ा-चंबा संसदीय सीट पर प्रत्याशी नहीं बनाया : सुशील शर्मा

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर

नूरपुर डॉ. सुशील शर्मा एक पौंग बांध विस्थापित परिवार से भी सम्बन्ध रखते हैं। ऐसे में देश में होने वाले लोकसभा चुनावों में अब कुछ ही समय बचा है। इसलिए डॉक्टर शर्मा ने देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस से टिकट के लिए इस बार आवेदन किया है। आज कांगड़ा-चंबा संसदीय सीट से मौजूदा सीएमओ डॉ. सुशील शर्मा ने भी इस बार चुनाव लड़ने की काफी इच्छा जताई है। सूत्रों से पता चला है कि सीएमओ डॉ. सुशील शर्मा रिटायरमेंट के बाद दूसरी बार सेवाविस्तार मिलने पर 31 मार्च को सेवानिवृत हो रहे हैं। बतौर सीएमओ जिला कांगड़ा डॉ. सुशील शर्मा का अब तक का कार्यकाल ईमानदार व शानदार रहा है।

 

गौरतलब है कि साल 1963 में चंबा जिला के हटली में जन्में सुशील शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा अमृतसर में हुई है। उनका जन्म चंबा में हुआ है, लेकिन कर्मभूमि कांगड़ा जिला में पोंग विस्थापित परिवार से रही है। मेडिकल की पढ़ाई आईजीएमसी शिमला से हुई है। वह साल 1982 से लेकर 1984 तक मेडिकल कालेज में कांग्रेस के फ्रंटल संगठन एनएसयूआई के कैंपस प्रेजिडेंट भी रह चुके हैं। इसके बाद वह बतौर बीएमओ नगरोटा बगवां, नगरोटा सूरियां, तियारा, गोपालपुर व नूरपुर अस्पताल में मेडिकल अधीक्षक के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल टांडा में बतौर एमएस उन्होंने शानदार सेवाएं प्रदान की हैं। खास बात यह कि मेडिकल आफिसर एसोसिएशन में 30 साल प्रेस सचिव रहे है। मौजूदा समय में वह बतौर सीएमओ जिला मुख्यालय धर्मशाला से सेवाएं दे रहे हैं।

 

सीएमओ डॉ. सुशील शर्मा एनएसयूआई में सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू के साथ रहे हैं। वह मुख्यमंत्री के काफी करीबी माने जाते हैं। अगर पार्टी यह मौका देती है तो शर्मा कांगड़ा-चंबा सीट से चुनाव के लिए वचनबद्ध हैं। शर्मा का कहना है कि आज तक कांग्रेस ने किसी भी पोंग विस्थापित को कांगड़ा चंबा संसदीय सीट पर प्रत्याशी नहीं बनाया जबकि पोंग विस्थापित वोट बैंक इस संसदीय सीट सबसे अधिक हैं। शर्मा का पोंग बांध विस्थापतों में काफी जनाधार है।

संवाददाताः विनय महाजन

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें