इंसाफ के इंतजार में खाकी, जानिए- अबतक का घटनाक्रम

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

दो जुलाई को देशभर को दहला देने वाले वाले बिकरू कांड का एक साल पूरा हो जाएगा। आज भी वो दिन लोगों के जेहन में जब एक मुकदमे में वांछित गैंगस्टर विकास दुबे को पकडऩे के लिए लाव लश्कर के साथ गांव बिकरू में पहुंची पुलिस पर हमला हुआ था। ताबड़तोड़ सैंकड़ों राउंड गोलियों से आसमान दहल उठा। जब गोलियों की आवाज थमीं तो बिकरू की गलियां पुलिस वालों की खून से सनी थीं। तत्कालीन सीओ बिल्हौर समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे, सात अन्य घायल हो गए थे। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे समेत छह आरोपितों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था। अपराध के इतिहास के काले दिन को एक साल होने को है, लेकिन खाकी को अभी तक इंसाफ का इंतजार है। अदालत में लंबित इस प्रकरण में दर्ज मुकदमे की सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हो सकी है।

शहीद हुए पुलिसकर्मी : सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा, एसओ शिवराजपुर महेश यादव, चौकी प्रभारी मंधना अनूप कुमार, सब इंस्पेक्टर नेबू लाल, सिपाही जितेंद्र पाल, सिपाही सुल्तान सिंह, सिपाही बबलू कुमार, सिपाही राहुल।

ये हुए थे घायल : तत्कालीन थाना प्रभारी बिठूर कौशलेंद्र प्रताप सिंह, सब इंस्पेक्टर सुधाकर पांडेय, सिपाही शिवमूरत, सिपाही अजय कुमार, सिपाही अजय सिंह, होमगार्ड जयराम, एसओ चौबेपुर का प्राइवेट हमराह विकास बाबू।

पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अभियुक्त

1- विकास दुबे

2- राजाराम उर्फ प्रेमकुमार उर्फ प्रेमप्रकाश

3- अमर दुबे

4- प्रभात मिश्रा

5- प्रवीन शुक्ल उर्फ बउवन

6-अतुल दुबे

जेल भेजे गए आरोपित : बिकरू निवासी श्यामू बाजपेई, छोटू शुक्ला उर्फ अखिलेश, शाशिकान्त पंडित उर्फ सोनू, रामू बाजपेयी, दयाशंकर अग्निहोत्री, गोपाल सैनी, उमाकांत उर्फ गुड्डन, बाल गोविंद, शिवम दुबे, धर्मेंद्र उर्फ हीरू, संजय की पत्नी क्षमा, अमर दुबे की पत्नी, दयाशंकर की पत्नी रेखा, संजय दुबे, उर्फ संजू, सुरेश वर्मा, धीरज उर्फ धीरू, शांति देवी, रमेश चंद्र, मनीष उर्फ वीर, शिवम उर्फ दलाल, नन्हे यादव, बबलू, राजेंद्र मिश्रा, विपुल दुबे, उमाशंकर। कांशीराम निवादा निवासी जहान यादव, सुज्जा निवादा निवासी राम सिंह, विष्णु पाल, वसेन निवासी शिव तिवारी, कंजती निवासी विमल प्रकाश, कढ़वा निवासी सुशील कुमार तिवारी, थाना शिवली के ग्राम कुखवा निवासी गुड्डन उर्फ अरविंद त्रिवेदी, नजीराबाद निवासी जयकांत वाजपेयी, आर्यनगर निवासी प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्ब्लू, हापुड़़ निवासी कृष्ण कुमार शर्मा, मैथा निवासी राहुल पाल, कौशांबी के महेबा घाट निवासी विनय तिवारी।

ऐसे शुरू हुई कहानी : चौबेपुर थाने में राहुल तिवारी द्वारा एक जुलाई को दर्ज कराई गई अपहरण व मारपीट की रिपोर्ट में दबिश डालने के लिए चौबेपुर, शिवराजपुर व बिठूर की पुलिस बिकरू में विकास दुबे के घर दबिश डालने गई थी। यहां पर विकास दुबे व उसके साथियों ने जेसीबी से रास्ता बंद करके पुलिस टीम पर हमला कर दिया था।

खूब उछला जय बाजपेयी का नाम : इस प्रकरण में विकास दुबे का खजांची जय बाजपेयी का नाम भी खूब उछला। जय बाजपेयी द्वारा विकास दुबे की काली कमाई शहर में खपाने के आरोपों पर प्रवर्तन निदेशालय व आयकर विभाग विकास दुबे, जय बाजपेयी समेत इनसे जुड़े तमाम लोगों की संपत्तियों की जांच कर रहा है। जय और उसके तीन भाइयों पर पुलिस ने गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की है। पुलिस गैंगस्टर के तहत जय व उसके भाईयों की करोड़ों की संपत्ति सीज कर चुकी है। एसएसपी अनंत देव भी इसी मामले में निलंबित चल रहे हैं।

बिकरू के आगे भी बहुत कुछ : बिकरू कांड के बाद पुलिस सभी छह एनकाउंटरों में पांच मुकदमे दर्ज किए, जिसमें सभी में चार्जशीट लग चुकी है। इसके अलावा इस प्रकरण में राज्य सरकार द्वारा एसआइटी की जांच कराई गई थी, जिसमें एक दर्जन से अधिक लोग गलत तरीके से शस्त्र लाइसेंस कराने और अवैध तरीके से मोबाइल सिम का प्रयोग करने का आरोपित पाए गए थे। इस संबंध में भी चौबेपुर, नवाबगंज, बजरिया में पांच मुकदमें दर्ज हुए थे, जिसमें सभी में चार्जशीट लग चुकी है। इसके अलावा एसटीएफ ने पनकी थानाक्षेत्र में विकास दुबे के हथियारों को बेचने वाले गिरोह के सात लोगों को गिरफ्तार किया था। इस प्रकरण में सात अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए थे, जिसमें भी चार्जशीट लग चुकी है। आरोपितों पर बिकरू कांड के आरोपितों को सहयोग करने की भी रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जय बाजपेयी के प्रकरण में दो मुकदमे काकादेव में दर्ज है और इनमें भी चार्जशीट अदालत में दायर हो चुकी है।

अब तक 27 मुकदमे : बिकरू कांड से संबंधित अब तक 27 मुकदमे दर्ज हुई हैं। पहला मुकदमा राहुल तिवारी की ओर से एक जुलाई को दर्ज किया गया। 3 जुलाई को सुबह 5:35 पर दर्ज हुई थी बिकरू कांड की एफआइआर, जिसमें वादी विनय तिवारी थे और 22 नाजमद व 60-70 अज्ञात आरोपित बनाए गए थे। इसके बाद शस्त्र अधिनियम के तहत दूसरा मुकदमा चौबेपुुर में दर्ज हुआ। इसके बाद एनकाउंटर के आठ मुकदमें दर्ज हुए, जिसमें पांच पुलिस मुठभेड़ के व तीन आम्र्स एक्ट हैं। विकास दुबे के सहयोगी व हथियार बेचने वालों पर आठ मुकदमे पनकी में दर्ज हुए। मोबाइल सिम व लाइसेंस प्रकरण में पांच मुकदमे चौबेपुर, बजरिया और नवाबगंज में दर्ज हुए।

2056 पन्नों की चार्जशीट : पुलिस ने एक अक्टूबर 2021 को अदालत में बिकरू कांड की चार्जशीट पेश की, जिसमें 79 पन्नों में आरोप पत्र और बाकी 1977 पन्नों में केस डायरी व साक्ष्य संकलन है। पुलिस ने 36 आरोपितों के आरोप तय किए थे।

नहीं शुरू हुई सुनवाई : सभी दर्ज 27 मामलों में चार्जशीट अदालत में दायर हो चुकी है, मगर किसी भी मामले में अब तक सुनवाई शुरू नहीं हो सकी है। अनुमान है कि मुख्य मुकदमे में जल्द ही सुनवाई शुरू होगी।