किसान आंदोलन विशुद्ध राजनीतिक आंदोलन : मुख्यमंत्री

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

कृषि सुधार कानून का देश भर के किसान विरोध कर कर रहे हैं जिसको लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं किसान आंदोलन के पक्ष में विभिन्न संगठन 8 दिसम्बर को भारत बंद कर रहे है। किसानों के सहयोग में कांग्रेस के साथ अन्य कई दल भी देश भर में विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसे राजीनीतिक आंदोलन करार दिया है।

हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कृषि सुधार कानून आज चर्चा का विषय बना हुआ है। आज जो आंदोलन हो रहा है ये किसानों के हित में नही है बल्कि विशुद राजनीतिक आंदोलन है। आज विपक्ष के सामने मोदी बहुत बड़ी चुनोती है इसलिए ये उन्हें रोकने का प्रयास है। जो दल आज इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं वे अपनी राजनीतिक जमीन खो चुके हैं। यूपीए की सरकार में भी इस कानून का समर्थन किया गया था, उस दौरान यूपीए के अन्य सहयोगी दलों ने इस बिल का समर्थन किया था लेकिन आज जो पार्टियां इसका समर्थन कर रही है वे अपना वजूद खो चुकी है कांग्रेस पूरे देश मे खत्म हो चुकी है।

कांग्रेस पार्टी ने 2019 के अपने घोषणा पत्र में बिल के सभी प्रावधान शामिल किए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारी सरकार ने ये कानून ला दिया है तो किसानों को भड़काने का कार्य किया जा रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार जब कृषि मंत्री थे तो ये सुधार लागू करने की बात कही थी लेकिन आज इसका विरोध करना दोगलापन दिखा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी किसानों को भर्मित करने में सबसे आगे है। भारत बंद का समर्थन कर रहे केजरीवाल भी इसको लेकर राजनीति कर रहे हैं। अकाली दल जो पहले इसके समर्थन में था आज इनका रवैया भी बदल गया है क्योंकि इस दल की सियासी जमीन लगातार खिसक रही है।


उन्होंने कहा कि इसमे सभी प्रावधान किसानों के हित मे हैं। कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग 2007 में यूपीए के कार्यकाल में कई राज्यों में शुरू हो गई थी लेकिन आज इसे राजनीतिक आंदोलन बना दिया गया है। भारत बंद को किसानों के हित मे नही है उन्होंने लोगों को इससे बचने का आग्रह किया है।