किट बैनकाईजर कंपनी से निकाले मजदूरों ने किया एसडीएम कार्यलय का घेराव

एसडीएम कायार्लय परिसर में धरना दिया और कंपनी संचालकों के खिलाफ जम कर की नारेबाजी

उज्जवल हिमाचल। नालागढ़
सीटू के जिला इकाई की नेतृत्व में बद्दी के संडोली के रैकिट बैनकाईजर वर्करों ने बद्दी  में कंपनी से निकाले गए मजदूरों को बाजार में विरोध रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने करीब दो घंटे एसडीएम कायार्लय परिसर में धरना दिया और कंपनी संचालकों के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर न्याय दिलाने की मांग की गई। सीटू के जिला अध्यक्ष मोहित वर्मा, सचिव ओमदत्त शर्मा, राज्य कार्यकारिणी के सदस्य दिलजीत सिंह, कंपनी यूनियन के महासचिव विकास, नीरज के नेतृत्व में नालागढ़ के रेस्ट हाउस में कामगार एकत्रित हुए।
वहां से बाजार में निकाले गए कामगारों के विरोध में रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम कार्यालय परिसर में धरना दिया और जम कर नारेबाजी की। रैली को संबोधित करते हुए सीटू के जिला महासचिव ओमदत शर्मा ने कहा कि बद्दी केसंडोली में एमएनसी ग्रुप रैकिट बैनकाइजर हेल्थकेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने लगभग एक वर्ष पहले अपने यूनिट को एचएफएल को बेच दिया। जिसमे लगभग 500 से अधिक कामगार कार्य कर रहे हैं। जिनकी सेवा शर्तों बारे कोई भी ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। मजदूरों ने जब इस बारे आवाज उठाई, तो प्रबंधको ने इस आवाज को दबाने बारे दमन व उत्पीड़न का सहारा लिया गया।
प्रबंधकों ने तमाम श्रम कानूनो की अनदेखी करते हुए लगभग 14 कामगारों की सेवाएं समाप्त करके बाहर निकाल दिया। 67 कामगारों का अन्य राज्यों में तबादला, लगभग 130 कामगारों का निलंबन करके कारखाना से बाहर कर दिया गया। अधिकतर कामगारों को पिछले 7-8 माह का मासिक वेतन व निलंबित कामगारों को गुजारा भत्ता तक नही दिया जा रहा है। मजदूर पिछले लगभग 193 दिनों से कारखाना गेट के बाहर धरने पर बैठे है। जिला अध्यक्ष मोहित वर्मा ने कहा कि प्रबंधकों ने विभिन्न प्रकार के हथकंडे अपनाकर 200 से ज्यादा मजदूरों को बाहर निकाल कर उनकी जगह ठेकेदार के माध्यम से मजदूरों की भर्ती करके कार्य करवाया जा रहा है।
ठेकेदारों के पास श्रम विभाग का कोई भी लाइसेंस नहीं
इन ठेकेदारों के पास श्रम विभाग का कोई भी लाइसेंस नहीं है न ही श्रम कानूनों अनुसार प्रबंधक ठेकेदार के मजदूरों से उत्पादन का कार्य करवा सकते हैं। श्रम विभाग का इस सारी प्रक्रिया के दौरान रवैया दुलमुल है। श्रम कानून के तहत अभी त कोई कार्रवाई नहीं हुई। न ही आज तक प्रोसीक्यूशन करके अभियोग न्यायालय में डाला गया। समझौता वार्ता भी महज उपचारिकता के तौर पर रखी जा रही है। उन्होंने एसडीएम दिव्यांशु सिंगल से आग्रह किया कि वे स्वयं इस बारे हस्तक्षेप करके श्रम विभाग माध्यम से प्रबंधकों के दमन पर अंकुश लगाकर न्याय संगत समझौता करवाने में मदद करें।

संवाददाताः सुरेंद्र सिंह सोनी

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