ज्योति को न्याय की मांग पर कुशल भारद्वाज 14 सितंबर को करेंगे उपवास

इस सामूहिक उपवास में हजारों लोगों के शामिल होने का अनुमान

जतिन लटावा। जोगिंद्रनगर

भराड़ू पंचायत की गड़ूही गांव की ज्योति की पति के साथ हुई कथित कहासूनी के बाद गुमशुदगी मामले में पूरी सच्चाई सामने, केस की हर पहलू से जांच करने तथा दोषियों को कानूनन कड़ी सजा दिलवाने के लिए सबसे पहले इंसाफ का झंडा बुलंद करने वाले किसान नेता एवं जिला परिषद के सदस्य कुशाल भारद्वाज ने एक और बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि ज्योति की लाश जंगल में गली-सड़ी हालत में मिलने के बाद उनके पति की गिरफ्तारी के बाद अब सारी निगाहें फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट के इंतजार में हैं।

इससे इस केस से जुड़े कई रहस्यों से पर्दा उठ सकता है, लेकिन पुलिस ने शुरू से ही ज्योति की हत्या होने या आत्महत्या किए जाने के एंगल से केस की छानबीन करने पर कम तवज्जो दी तथा इधर-उधर की अफवाहों के आधार पर ज्योति के किसी के साथ भाग जाने की थ्योरी पर ज्यादा काम किया। यही कारण है कि ज्योति की तलाश में सड़क किनारे कुछ छानबीन तो की गई, लेकिन जंगल में कोई संघन सर्च ऑपरेशन नहीं चलाया गया। जिस कारण बॉडी बरामद तो हुई, लेकिन बहुत ही क्षतविक्षत हालत में मिली तथा कई शरीर के अंग भी अलग-अलग बरामद हुए। यहां यह बात उल्लेखनीय है कि कुशाल भारद्वाज के समझाने पर ही ज्योति के परिजनों ने शव को ससुराल के आंगन में जलाने की योजना को बदल दिया।

उन्होंने कहा कि जिस हालत में बॉडी मिली उससे यह आत्महत्या कम और हत्या ज्यादा लग रही है। फिर भी असली पता फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट से ही लगेगा, लेकिन इस हत्या में कौन शामिल रहे हैं तथा हत्या के क्या कारण रहे हैं। हत्या या आत्महत्या क्या गुमशुदगी वाली रात को ही हुई है या फिर बाद में हुई है। ये सब तथ्य पता चलने के बाद ही केस की कड़ियां आपस में जुड़ेंगी और गुनाहगारों को सजा दिलाने में मदद मिलेगी, लेकिन फॉरेन्सिक जांच रिपोर्ट आने से पहले भी हर पहलू से जांच होनी चाहिए तथा हर संदिग्ध से भी कड़ाई से पूछताछ होनी चाहिए।

कुशाल भारद्वाज ने आज ऐलान किया कि केस की जांच प्रक्रिया तेज करने, ज्योति को इंसाफ दिलाने, सभी असली गुनाहगारों को कानूनन गिरफ्तार करने तथा उन्हें सजा दिलाने के लिए वे मंगलवार 14 सितंबर को जोगिंदर नगर में महात्मा गांधी जी की प्रतिमा के सामने उपवास पर बैठेंगे तथा ज्योति के माता-पिता, रिश्तेदार, अन्य शुभचिंतक तथा भराडू क्षेत्र के लोग भी इंसाफ की लड़ाई में साथ होंगे। 14 सितंबर को सुबह 10 बजे रामलीला मैदान में इकट्ठे होने के बाद वे लोकतान्त्रिक तरीके से एक विशाल जलूस लेकर थाने के सामने गांधी जी की प्रतिमा के सामने सामूहिक उपवास करेंगे।

इसके बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक भी की जाएगी तथा यह पता लगाया जाएगा कि अभी तक इस केस की जांच बारे कितनी प्रगति हुई है। यदि कोई संतोषजनक प्रगति नजर नहीं आई, तो उसी दिन हम संघर्ष के अगले चरण की घोषणा भी करेंगे। उन्होंने कहा कि यह घटना पूरे क्षेत्र और जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र को शर्मसार करने वाली घटना है और इंसाफ की लड़ाई के लिए हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि ज्योति के माता-पिता व अन्य परिजनों ने ही कहा था कि जो भी तारीख अगले संघर्ष की आप तय करेंगे, उसमें हम सब शामिल हो जाएंगे। सोमवार 13 तारीख को उनके घर संस्कार संबंधी कुछ रस्म जिसे कड़ाही कहते हैं, रखी गई है। इसलिए 14 सितंबर की तारीख सामूहिक उपवास के लिए तय की गई। किसान सभा की अनेकों इकाइयों, कई महिला मंडलों के अलावा कई पंचायत प्रतिनिधियों ने भी हमारे इस आंदोलन में शामिल होने बारे मुझे सूचित किया है। उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल माहौल ऐसा नहीं है कि मायके पक्ष व ससुराल पक्ष एक साथ आंदोलन में आयें।

इसलिए ऐसे नाजुक मोड़ पर दोनों परिवार एक साथ किसी प्रदर्शन में शामिल हों इससे कानून व्यवस्था भी बिगड़ सकती है। कुशाल भारद्वाज ने कहा कि हम तो यह चाहते हैं कि हत्या में जो भी शामिल हैं चाह वेे ससुराल पक्ष के हैं या कोई बाहरी लोग हैं या चाहे कोई मायके पक्ष का रिश्तेदार ही क्यों न हो उनको कानूनन सजा मिलनी चाहिए। असली गुनाहगार कौन है और कितने हैं। इसका पता लगाना और गुनाहगारों को सजा दिलवाने के लिए साक्ष्य जुटाना पुलिस का काम है।