बिझड़ी! कौन सुनेगा किसको सुनाएं

एसके शर्मा। हमीरपुर

उपमंडल बड़सर के ढटवाल के मुख्य क्षेत्र बिझड़ी में लगभग दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग अपनी रोजमर्रा की जरुरतें पूरी करने एवं प्रशासनिक कार्यों हेतु इस क्षेत्र का रुख करते हैं। विभिन्न साधनों से लोग यहां पहुंचते हैं या फिर यहां से होकर अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। एकमात्र एटीएम, शौचालय नदारद, पार्किंग व्यवस्था बेहाल और जहां तहां बिखरा कचरा देखकर आप समझ जाइए की आप बिझड़ी बाजार में हैं। बिझड़ी बाजार में पिछले लगभग दो वर्षाें से बरठीं, घोड़ी धबीरी व महारल आदि से आने वाली आम जनता के लिए यहां पहुंचना जी का जंजाल बना हुआ है।

  • विकास खंड मुख्यालय की गृह पँचायत में मूलभूत सुविधाएं जीरो
  • बिझड़ी में शौचालय तक की व्यवस्था नहीं

कारण कछुआ चाल से सड़क का मुरम्मत कार्य है, जिसे कभी भी बिना अग्रिम सूचना के बंद कर दिया जाता है। विडंबना है कि इस बाजार में आगंतुकों के लिए एक मूलभूत सुविधा सार्वजनिक शौचालय ही नहीं है, जिस कारण महिलाओं और बुजुर्गों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आज भी इस क्षेत्राें के लोगों को 24 गुणा 7 आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से नहीं मिल पा रही हैं। एकमात्र एटीएम आम जनता के लिए नाकाफी साबित हो रहा है। बाजार में पेबर ब्लॉक लगने से आवाजाही में सुविधा जरूर हुई है, लेकिन निजी वाहनों के लिए पार्किंग की सुचारू व्यवस्था नहीं है।

आजकल चुनावों का दौर है। बहुत सारे दावेदार स्थानीय निकायों के लिए होने जा रहे चुनावों के लिए अपनी कर्मठ और जुझारू छवि पेश कर रहे हैं। ऐसे में आम जनता को आशा है कि भावी स्थानीय जन प्रतिनिधि इस दिशा में जरूर कुछ काम करेंगे। हैरानी की बात है कि विकास खंड बिझड़ी के अंतर्गत कुल 52 पंचायतों में चुनाव होने जा रहे हैं। वहीं, अगर महिला वोटरों की संख्या की बात करें, तो उनकी तादात पुरुष वोटरों से ज्यादा पाई गई है, लेकिन सरकार द्वारा चुनावों में महिलाओं को प्राथमिकता देने के बाद चुनी जाने वाली महिला प्रतिनिधि महिलाओं की इस मूलभूत समस्या को प्रशासन से आज तक हल नहीं करवा पाई हैं।