कंपनी पर टूटा स्थानीय लोगों का कहर, लगाई लताड़

चमेल सिंह देसाईक। शिलाई

राष्ट्रीय राजमार्ग-707 पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य कर रही आरजीवी कंपनी पर स्थानीय लोगों का कहर टूट पड़ा है, आरजीवी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर सहित अन्य कर्मचारियों को स्थानीय लोगों ने लताड़ लगाई गई है। साथ ही खड्ड में फेंका सारा मलवा कंपनी से उठवाया जा रहा है। मलवा न उठाने पर स्थानीय प्रशासन व एनएचएआई को घेरने की बात कही गई है, बैतरतीब मलवे से बरसात में होने वाली आफत से क्षेत्रवासियों मे रोष व्याप्त है। जानकारी के मुताबिक बैतरतीब तरीके से सड़क के मलबे को नाले में फेंका गया है।

बरसात आते ही नाले में पानी बढ़ने के कारण सारा मलवा नीचे की तरफ खिसकना शुरू हुआ है, जिससे उपजाऊ जमीन, पेयजल सोर्स, लिंक सड़क मार्ग, पणचक्कियों सहित लाखों रुपए का नुकसान लोगों को हो गया है। तबाई का मंजर देखकर गुस्साए लोगों ने कंपनी मैनेजर व कर्मचारियों पर लात, गुस्सों सहित जुबान से कोई कमी नहीं छोड़ी है। हालांकि लोगों का बिगड़ा रवैया देखकर कंपनी को गलती का अहसास हुआ और मशीनें खजियार नाले में उतारकर सारा मलवा उठाने का कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन सवाल यह है कि जब तक क्षेत्रीय लोग बेलगाम नही होंगे, तब तक कंपनियां अपनी मनमर्जी करती रहेगी।

क्षेत्रीय लोगों की माने तो कम्पनी व कर्मचारी सड़क से निकल रहे मलबे को पिछले दो महीनों से जगह-जगह नालों में बैतरतीव तरीके से फेंक रहे हैं। डम्पिंगयार्ड के क्रेटवायर व सुरक्षा दीवार में घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके कारण मलवे ने सब तोड़ दिए है। मामले को लेकर उपमंडलाधिलारी व एनएचएआई के अधिकारियों को कई बार समाधान के लिए कहा गया है, लेकिन समय रहते किसी ने सुध नहीं ली है। मिलीभगत होने के कारण कंपनी को सीधा फायदा पहुंचाने की मंशा से क्षेत्रीय लोगों की शिकायत पर कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है। यदि प्रशासनिक अधिकारी नहीं जागे, तो कंपनी के कर्मचारियों की तरह स्थानीय प्रशासन व एनएचएआई के अधिकारियों को सही कार्य करना जनता सिखाने वाली है। केंद्र सरकार से मांग की जाती है कि एनएचएआई के अधिकारियों ने कंपनी पर सख्त कार्यवाही न की तो क्षेत्रीय लोग आंदोलन दिल्ली तक लेकर जाएंगे।

उलेखनीय है कि आरजीवी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर, कर्मचारियों के बीच गली-गलाैज व हाथापाई उस समय हुई है, जब स्थानीय लोग कंपनी को घटिया सामग्री व सड़क के मलवे को बेतरतीव फेंकने पर बात कर रहे थे। मलवे से हुए नुक्सान कि भरपाई करने की बात स्थानीय लोग कर रहे थे कि कंपनी के कर्मचारियों ने स्थानीय लोगों के साथ बेअदबी से बात करना शुरू किया और कंपनी पर लात गुस्से कि बरसात शुरू हो गई. बिफरे लोगों ने मलवे से हुए नुक्सान का मुवावजा न देने पर प्रशासनिक कार्यवाही करने की बातों से कंपनी को चेताया है। आरजीवी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राहुल कुमार डे ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि स्थानीय लोगों ने उनके साथ बेअदबी की है। अनचाही गाली-गलौज की गई है। कंपनी के कर्मचारियों के साथ हाथापाई की गई है। क्षेत्र के लोग बहुत खराब है, कंपनी द्वारा मशीनें खजियार खाले में मलवा उठाने के लिए लगाई गई है। जल्द सारा मलवा उठाकर क्षेत्र के लोगों को राहत प्रदान की जाएगी। भविष्य में ऐसी गलतियां दोहराई नही जाएगी।

उपमंडलाधिकारी पावटा साहिब विवेक महाजन ने मामले पर बताया कि आरजीवी कंपनी ने खजियार नाले पर गलत तरीके से डम्पिंगयार्ड बनाया है, इसके लिए कंपनी को पहले ही चेताया गया था। कंपनी की गलती का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है, लोगों का जितना नुस्कान हुआ है, उसकी भरपाई आरजीवी कंपनी करेंगी, आगामी कार्यवाही के लिए एनएचएआई के उच्चाधिकारियों को लिखा जा रहा है।