लुहंड खड्ड को खनन के लिए लीज पर देने का स्थानीय ग्रामीणों ने जताया कड़ा विरोध

ग्रामीणों के विरोध के चलते प्रशासन को अपना कार्यक्रम करना पड़ा रद्द खड्ड की लीज होने से दर्जनों गांव की उपजाऊ भूमि को खतरा

Local villagers expressed strong opposition to giving Luhand Khad on lease for mining
लुहंड खड्ड को खनन के लिए लीज पर देने का स्थानीय ग्रामीणों ने जताया कड़ा विरोध

उज्जवल हिमाचल। नालागढ़
जिला सोलन की तहसील नालागढ़(Nalagarh) व बिलासपुर (Bilaspur) की सीमा पर स्थित लुहंड खड्ड को खनन के लिए लीज पर देने का स्थानीय ग्रामीणों ने कड़ा विरोध किया है। ग्रामीणो का कहना हैं कि प्रशासन ने इस खड्ड को लीज पर देने के लिए आज मौके पर निशानदेही के लिए आना था लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते प्रशासन को अपना यह कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। आपको बता दे की इस खड्ड के साथ लगते कई गांव, नालागढ़ तहसील के अंतर्गत आते है, और साथ में बिलासपुर की सीमा के साथ लगते है जिसमें सभी ग्रामीणों ने खड़ की लीज का विरोध किया है।

बोहरी, अम्ब दा हार, कट्टल, सनण, सन्देहली, पुनेहली, कठिम्ब तथा टिक्करी के ग्रामीणों का कहना है कि इस खड्ड के साथ ग्रामीणों की उपजाऊ जमीने होने के साथ-साथ लोगों के मकान भी बने हैं और खनन से उनको क्षति पहुंच रही है। ग्रामीण कहते हैं कि निरंतर खनन के चलते उनकी अपनी उपजाऊ जमीने पानी के बहाव में बह गई हैं।

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उनका कहना था कि इस खड्ड के ऊपर पुल, पानी की कूहलें और जमीनों को बचाने के लिए डंगे, चैक डैम भी लगाए हैं। जिनको खनन से नुकसान होना स्वाभाविक है। ग्रामीणों ने आरोप लगाए कि खनन के लिए गुपचुप पंचायत प्रतिनिधियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिया जाता है और ग्रामीणों को इसके बारे में बिल्कुल भी सूचित नहीं किया जाता जबकि खड्ड के साथ जमींने पंचायत की न होकर ग्रामीणों की हैं। ग्रामीणों ने दो टूक कहा है कि लुहंड खड्ड के पास किसी भी प्रकार का खनन या खनन संबंधी उद्योग क्रेशर न लगाया जाए अन्यथा आंदोलन को तेज किया जाएगा।

संवाददाताः सुरेन्द्र सिंह सोनी

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