सिविल अस्पताल सरकाघाट की OPD में चार दिनों से लटके ताले, मरीजों और तीमारदारों में भारी रोष

नरेश कुमार। भाम्बला

उपमण्डल धर्पमुर और सरकाघाट विधानसभा क्षेत्रों की तीन लाख की आबादी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित है और लोगों को घर-द्वार चिकित्सा सहायता प्रदान करने के सरकारी दावों की ज़मीनी स्तर पर पोल खुल गई है। नागरिक अस्पताल में प्रदेशः सरकार द्वारा चिकित्सकों के 17 पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान समय में केवल 8 पद पर ही चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

बरसात के मौसम में अस्पताल की ओपीडी 600 से 700 तक रहती है लेकिन रोगियों को अपनी बारी का इंतज़ार करने के घण्टों ज़मीन पर बैठना पड़ता है। अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक तो नाममात्र हैं और गायनी, नेत्ररोग, शल्य चिकित्सा, मेडिसिन, एनेस्थीसिया और जनरल मेडिसिन का कोई भी चिकित्सक नहीं है। बरसात के इन दिनों लोग वायरल फीवर से ग्रसित हैं और उन्हें देखने वाला कोई नहीं है।

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ सदस्य एवंम पूर्व मंत्री रंगीला राम राव ने बताया कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तो अस्पताल में 11 विशेषज्ञ डॉक्टर थे और जनरल ड्यूटी ऑफिसर भी 6 तैनात थे लेकिन भाजपा के लोगों के साथ स्वास्थ्य के नाम पर खिलवाड़ किया है और गत 5 वर्षों में अस्पताल में नियुक्त विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी ट्रांसफर करवा कर चले गए हैं और कोई भी नई नियुक्ति नहीं हुई है।

उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अगले 15 दिनों तक अस्पताल में चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं की गई तो कांग्रेस पार्टी जन आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर हो जाएगी। इस बारे जब मंडी स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेन्द्र गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सरकाघाट अस्पताल की स्थिति से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है और शीघ्र ही चिकित्सक नियुक्त कर दिए जायेंगे।