उज्जवल हिमाचल। शिमला
देश के साथ हिमाचल प्रदेश में भी लंपी वायरस लगातार विकराल रूप धारण कर रहा है। इस वायरस से प्रदेश में हजारों पशुओं की मौत हो चुकी है। लंपी वायरस से बचाव के लिए सरकार के द्वारा पर्याप्त कदम न उठाने से नाराज पशुपालक किसानों ने आज शिमला में किसान सभा के बैनर तले पशुपालन विभाग के निदेशालय के बाहर प्रदर्शन किया और निदेशक के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा और मुआवजे की मांग की।
हिमाचल प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने बताया कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में इस वायरस से अभी तक 39 हजार से ज्यादा पशु संक्रमित हुए हैं, जबकि 1313 पशुओं की मौत हुई है। वास्तविकता में यह आंकड़ा इससे ज्यादा है। यह वायरस 9 जिलों में फैल चुका है बावजूद इसके सरकार ने इसे महामारी घोषित नहीं किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में मंत्री ने कहा था कि इस वायरस से पशुओं के मरने पर 30 हजार मुवावजा दिया जाएगा। लेकिन यह अभी तक नहीं दिया जा रहा है। पशुपालन विभाग के निदेशक के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है जिसमें इस महामारी से निपटने के पर्याप्त इंतजाम करने के साथ मुआवजे की मांग की गई है।
वहीं पशुपालकों ने बताया कि लंपी वायरस से लगातार उनके पशु मर रहे हैं। वह दूध का कारोबार करते हैं। इस बीमारी से पशुओं के मरने से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। उनके पशुओं की वैक्सीनेशन नहीं हुई है न ही विभाग व सरकार की तरफ से उन्हें दवाइयां उपलब्ध कराई गई हैं। उन्हें स्वयं दवाइयां कितनी मंहगी पड़ रही हैं। विभाग उन्हें दवाईया उपलब्ध करवाए और जो पशु हानि हुई है उसका मुवावजा भी दिया जाए।
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