उज्जवल हिमाचल। मंडी
देव आस्था के महाकुंभ मंडी अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में बुधवार को राजदेवता माधोराय की दूसरी जलेब(शोभायात्रा) भी शाही अंदाज में निकली। राजेदवता माधोराय की पूजा-अर्चना के बाद जलेब में देवी-देवताओं ने शिरकत की। पारंपरिक वाद्य यंत्रों की देवध्वनि पर देवताओं के साथ नाचते देवलुओं से छोटी काशी की छटा देवमयी दिखी।
राजदेवता समेत कुल 26 प्रमुख देवताओं ने जलेब में शिरकत की। इस मौके पर प्रदेश सरकार में सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने राजदेवता माधोराय के मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद जलेब में शिरकत की। माधोराय की दूसरी जलेब की अगवाई रियासत कालीन देवता देव छमाहूं और देव छांजणू ने की।
मंडी सराज के इन देवताओं में देव छमांहू को शेषनाग का रूप माना जाता है। देव छांजणू को महाभारतकालीन घटोत्कच का स्वरूप माना जाता है। परंपरानुसार दोनों देवताओं की अगुवाई में मंडी शिवरात्रि की जलेब निकाली जाती है। इनके पीछे अन्य देवी-देवता चलते हैं।
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जलेब के साथ पुलिस बैंड पर पुलिस के घुड़सवार और होमगार्ड, पुलिस और फागली उत्सव का मंचन सहित अन्य हिमाचल की सांस्कृतिक कार्यक्रम भी जलेब का मुख्य आकर्षण रहीं। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी का आयोजन 7 दिनों के लिए किया जाता है और इस दौरान 3 बार शाही जलेब का आयोजन होता है।
पहली जलेब मेले के शुभारंभ, दूसरी मेले के चौथे दिन और अंतिम जलेब समापन पर निकाली जाती है। शिवरात्रि महोत्सव पर निकलने वाली शाही जलेब को देखने के मंडी जिलावासियों के साथ-साथ प्रदेशवासियों में खासा उत्साह रहता है। वहीं इस मौके पर उन्होंने कहा कि शिवरात्रि महोत्सव के दौरान मंडी में देवमई नजारा देखने को मिल रहा है।
कोरोना महामारी के भयानक मंजर से निकल कर इस तरह के आयोजन देखने को मिल रहे हैं। देवी-देवता के आशीर्वाद से कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई है और प्रदेश सरकार अब अवस्था परिवर्तन के इरादे से आगे बढ़ रही है। उन्होंने इस अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को शिवरात्रि महोत्सव की भी बधाई दी।