मुख्यमंत्री सुक्खू की सरकार ने लिए 2 महीने में जनहित के लिए ऐतिहासिक और साहसिक फैसलेः अशोक हिमाचली

मुख्यमंत्री सुक्खू की सरकार ने लिए 2 महीने में जनहित के लिए ऐतिहासिक और साहसिक फैसलेः अशोक हिमाचली

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा
यशस्वी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने 2 महीने में जनहित के लिए ऐतिहासिक और साहसिक फैसले लिए। यह शब्द प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तेज तर्रार नेता पंडित अशोक हिमाचली ने कांगड़ा में प्रेस वार्ता में कहें। उन्होंने बताया है कि हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य व पर्यटन की दृष्टि से टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री के प्रयास जारी है।

अशोक हिमाचली ने बताया है कि ओपीएस बहाली से कर्मचारियों में पुरानी पेंशन को बहाल करना दिवाली की तरह बहुत बड़ा तोहफा सुक्खू सरकार ने दिया है और जिसकी नोटिफिकेशन जल्दी ही जारी होगी। मुख्यमंत्री सुक्खू की सरकार ने सूखाश्रय कोष की स्थापना करके 101 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है।

प्रदेश के अंदर लगभग 6000 अनाथ बच्चों को सरकार ने गोद लिया है और उनकी पढ़ाई लिखाई रहन-सहन घूमने फिरने का सारा खर्चा सरकार करेगी। सरकार ही इनकी माता-पिता है। जिला कांगड़ा में ज्वालामुखी विधानसभा की पंचायत लूथान और जिला मंडी के सुंदरनगर में वृद्धाश्रम के लिए मुख्यमंत्री ने दोनों जगह पर 80ः80 करोड़ की घोषणा की है।

अधिकारियों पर भूमि खरीदने पर रोक लगा दी है और गेस्ट हाउस में सबसे बराबर किराया लेना। वर्ष 2025 तक हिमाचल हरित राज्य बनाना। सभी मुख्यालयों पर हेलीपोर्ट स्थापित करना। मुख्यमंत्री ने हर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी आदर्श आवासीय विद्यालय खोलने की भी घोषणा की है।

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उन्होंने कहा है कि दिल्ली में बनने वाले हिमाचल निकेतन की आधारशिला मुख्यमंत्री द्वारा रखी गई है। मुख्यमंत्री ने हर जिले में कोई भी व्यक्ति सड़क पर ना सोए इसके लिए नागरिकों के रहने के लिए उचित व्यवस्था हेतु दिशा निर्देश जिलाधीश को दे दिए गए हैं। ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल को मानवीय ढंग से मध्यस्था से इसे खत्म कर दिया है और सीमेंट फैक्ट्री अब खुल गई है।

देहरा में जू चिड़ियाघर बनाने की घोषणा एक सराहनीय कदम है। जसवां परागपुर वर्ल्ड हेरिटेज विलेज में गोल्फ कोर्स खोलने की भी घोषणा की गई है। धर्मशाला के खनियारा में फूड सिटी और टेंट सिटी के लिए भी रिजॉर्ट विलेज टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। गगल के एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए भी काम जोरों पर हैं।

चयन आयोग को भंग करना मुख्यमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति और ऐतिहासिक फैसले को दर्शाता है। सड़कों में गड्ढे व गुणवत्ता का विशेष ध्यान देने के फैसले हेतु पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिए गए हैं। बिजली बोर्ड के स्मार्ट मीटर और सिस्टम इक्विपमेंट के लिए 3,701 करोड़ के टेंडर को रद्द कर दिया गया है।

2 महीने के अंदर-अंदर यशस्वी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जो कर दिखाया है। जनता ने इन्हें नायक की उपाधि दी है कि सच में ही इसे कहते हैं व्यवस्था परिवर्तन। हिमाचल की जनता से मेरा आग्रह है कि धैर्य रखिए और समय दीजिए। जल्द ही महिला को 1500 रू और 300 यूनिट बिजली, यह दस गारंटी में शामिल है। उनको मुख्यमंत्री 5 साल के अंदर पूरा करेंगे और सारी व्यवस्था को सुचारू ढंग से ठीक करेंगे।

ब्यूरो रिपोर्ट कांगड़ा

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