मंडी जहरीली शराब मामला: पुलिस ने गोरखधंधे से जुड़े सभी आरोपियों को भेजा सलाखों के पीछे

उमेश भारद्वाज। मंडी

मंडी जिला के सलापड़-कांगू क्षेत्र में जहरीली शराब से 7 लोगों की मौत मामले में डीआईजी सेंट्रल रेंज मंडी मधूसूदन के नेतृत्व में गठित एसआईटी की होनहार टीम ने इस अवैध कारोबार में जुड़े सभी प्रमुख आरोपियों को सलाखों के पीछे धकेल दिया है। इसके साथ मामले में प्रदेश पुलिस ने इस रैकेट में शामिल 5 आरोपियों के खिलाफ इकनोमिक इन्वेस्टिगेशन ईडी को सौंप दी गई है और मामले के अन्य सूत्रधारों के खिलाफ जुटाए गए सूबत भी ईडी जांच के लिए सौंप दिए जाएंगे।

वहीं, मामले की जांच में अवैध शराब का धंधा करने को लेकर प्रदेश में दो स्मगलरों के नाम सामने आए हैं जिनमें गौरव उर्फ गोरू पुलिस की गिरफ्त में है और रंगीलू अभी फरार है। मंडी जिला के सुंदरनगर में आयोजित प्रेसवार्ता में डीजीपी हिमाचल संजय कुंडू ने कहा कि मामले में प्रदेश पुलिस ने सुनियोजित अपराध की जांच करने का कम तजुर्बा होने के बावजूद एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट में जुड़े सभी प्रमुख 19 आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया। जिनमें से 11 न्यायिक हिरासत में है और 8 पुलिस हिरासत पर है। जिनसे पूछताछ लगातार जारी है। आने वाले दिनों में इस रैकेट में शामिल कुछ और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है।

डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि शराब के इस गोरखधंधे से जुड़े आरोपी रोजाना करीब 150 पेटी शराब बनाते थे। रैकेट से जुड़ा मुख्य किंगपिन गौरव उर्फ गोरू इस धंधे में 15 सालों से जुड़ा हुआ था। जिसके खिलाफ दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज है। पुलिस के पकड़े जाने के डर से यह बार-बार अपना ठिकाना भी बदलते रहते थे। उन्होंने कहा कि एरिया डिस्ट्रीब्यूटर रोजाना इस धंधे में 3 हजार से लेकर 4500 रुपये कमाते थे। वहीं जगह-जगह शराब पहुंचाने वाले फुट सैलर भी अवैध शराब के धंधे से मोटी कमाई करते थे।