आफत बनी घास जलाने की दवाई 

एमसी शर्मा। नादौन

आजकल किसानों द्वारा घास जलाने के लिए खेतों के आसपास घासनियों में डाली जा रही विषैली दवाई लोगों के लिए जानलेवा आफत बन गई है। क्योंकि कई लोग इस दवाई के प्रयोग के लिए बनाए गए नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिससे ऐसे स्थलों से आवाजाही करने वाले लोग दवाई की जानकारी ना होने के कारण इसकी चपेट में आकर गंभीर बीमार हो रहे हैं।

ऐसी ही एक घटना बटरान में हुई है, जिसमें पूर्व जिला परिषद व वर्तमान मंडल भाजपा उपाध्यक्ष डॉ नरेश बुरी तरह दवाई की चपेट में आ गए और गंभीर बीमार हो गए। पता चला है कि डॉ नरेश बटरान में अपने क्लीनिक की ओर अपने घर साइन गांव से आ रहे थे कि रास्ते में किसी ने यह दवाई डाली थी। क्लीनिक पहुंचते-पहुंचते ही वह गंभीर तौर पर दवाई की चपेट में आ गए। जिन्हें तुरंत कांगू अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टर नरेश की हालत इतनी गंभीर हो गई की कमर से नीचे उनके शरीर की हरकत करीब-करीब बंद हो गई। तुरंत उपचार होने से अब उनकी तबीयत में कुछ सुधार होने लगा है, वहीं उनके परिजनों में इस घटना को लेकर काफी रोष है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि गलत तरीके से ऐसी विषैली दवाइयों का प्रयोग करने वालों से सख्ती से निपटा जाए।

गौर हो कि इससे पूर्व भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस संबंध में कृषि प्रसार अधिकारी सुरेश धीमान ने बताया कि दवाई की मात्रा अधिक डाल देने से यह समस्या होती है। उन्होंने लोगों को आगाह किया है कि तय नियमों के आधार पर उचित रेशों में दवाई का प्रयोग करें अन्यथा ऐसे लोगों के विरुद्ध कानूनी प्रावधान भी हैं।