मुस्लिम कर्मियाें के विराेध में एसडीएम काे ज्ञापन साैंपते संगठन के सदस्य

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

केसरिया हिन्दू वाहिनी अंतरराष्ट्रीय हिन्दू संगठन के मुख्य प्रकोष्ठ के जिला कांगड़ा अध्यक्ष इंजीनियर चन्द्र भूषण मिश्रा के नेतृत्व में आज जिला कांगड़ा कार्यकारिणी का एक प्रतिनिधिमंडल उपमंडल अधिकारी (नागरिक) कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश से मिला और इनके माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को आग्रह स्वरूप ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि जिनकी आस्था ही नहीं है।

हमारे आराध्यों में, उनका हमारे देव-स्थलों में क्या काम? उन्होंने कहा कि एग्रीमेंट एक्ट 1984 के अनुसार, हिन्दूओं के प्रत्येक धार्मिक स्थलों में गैर मत मजहबियों का प्रवेश प्रतिबंधित हो। हर हिन्दू मंदिर एवं धार्मिक स्थलों के बाहर इसकी स्थाई सूचना लगाई जाए और हिन्दू एग्रीमेंट एक्ट 1984 के अनुसार, हिन्दू मंदिरों में कोई भी गैर हिन्दू नहीं रखा जा सकता है, तो पिछली हिमाचल प्रदेश सरकार के समय सन् 2017 में शक्ति पीठ मां ज्वालाजी जिला कांगड़ा के मंदिर में कुछ मुस्लिम कर्मचारी क्यों रखे गए हैं।

हिन्दू मंिदरों के देवी-देवताओं की मूर्तियों से नफरत करने वाले हिन्दू मंिदरों की सेवा कैसे कर सकते हैं और मंदिर के न्यास का पैसा, उन पर क्यों लुटाया जा रहा है। उपायुक्त कांगड़ा स्थित धर्मशाला द्वारा जारी 18 मार्च, 2021 का स्थानांतरण पत्र पढ़ा, जिसमें दीन और शकीन मुहम्मद दो मुस्लिम कर्मचारियों की ट्रांसफर आर्डर, उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला में कर दिए गए हैं, परंतु उसमें यह भी लिखा गया है कि इन दोनाें मुस्लिम कर्मचारियों का वेतन ज्वालामुखी मंदिर न्यास ही देगा। ऐसा क्यों…? फिर तो मतलब यह हुआ कि ये कर्मचारी ज्वालामुखी मंदिर न्यास के ही हैं।

इस हेतु केसरिया हिन्दू वाहिनी आपसे पुनः आग्रह करती है कि उन दोनों मुस्लिम कर्मचारियों को स्थाई तौर पर मंदिर न्यास ज्वालामुखी से हटाएं। यह सनातन धर्म हिन्दू संस्कृति व हिन्दू समाज में इस विषय पर जन आंदोलन खड़ा होने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने पुनः दोहराया कि हिन्दूओं के धर्मस्थलों में गैर मत मजहबियों अर्थात् मुस्लिमों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित हो। इसके लिए हर मंदिर के बाहर इसकी स्थाई सूचना लगाई जाए और बाहर मुख्य द्वार पर ऊर्दू अथवा फारसी में लिखित शब्दों को मिटाया जाए और नगरकोट धाम कांगड़ा माता वज्रेश्वरी देवी के मंदिर के बाहर मुख्य द्वार पर ऊर्दू अथवा फारसी में लिखित शब्दों को मिटाकर हिंदी अथवा संस्कृत भाषा में लिखा जाए।

यहां ऊर्दू और फारसी का क्या काम? 13 मंत्रालयों द्वारा पंजीकृत और भारत देश के 27 राज्यों के साथ-साथ पूरी दुनिया के 6 देशों में भी अपनी पहुंच बना चुका केसरिया हिन्दू वाहिनी एक गैर राजनीतिक हिन्दू संगठन है। सनातन धर्म, हिन्दू संस्कृति और अपने देव स्थलों में, जिसमें करोड़ों सनातनियों की आस्था और श्रद्धा जुड़ी हुई है, खाने के पदार्थों में थूक, पेशाब आदि डालकर परोसने वालों द्वारा खिलवाड़ और हस्तक्षेप केसरिया हिन्दू वाहिनी कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। इस मौके पर सतीश चौधरी, जसवीर सिंह, मुकेश मैहरा और विशेष रूप से सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष नरेंद्र त्रेहन भी मौजूद रहे।