माल साजे मेले का हुआ शुभारंभ

पशुओं के प्रति प्रेम आदर का प्रतीक है माल साजा

Merchandise fair started
माल साजे मेले की अपने आप में ही एक अलग विशेषता है इस साजे में पशुओं की पूजा अर्चना व उन्हें रोटी से बने भोग लगाए जाते हैं।

जोगिंद्रनगरः जिला मंडी में आज चौहार घाटी के आराध्य देव हुरंग नारायण की पूजा अर्चना के साथ माल साजे मेले का शुभारंभ हुआ। पारपंरिक प्रथा अनुसार अन्न उगाने में जितना श्रेय इंसानों को जाता है उतना ही पशुओं को भी जाता है। माल साजा और शास्त्रों के अनुसार गऊ माता में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है। पशु किसानों के जिंदगी का अहम हिस्सा हैं। पशुओं के बिना किसान और इंसान अधूरा है।

माल साजे मेले की अपने आप में ही एक अलग विशेषता है इस साजे में पशुओं की पूजा अर्चना व उन्हें रोटी से बने भोग लगाए जाते हैं। सालों से चली आ रही ये माल साजे की रीत पशुधन के महत्त्व का संदेश देती है। प्रभु नारायण श्रृष्टि के पालनहार है उनके लिए पशु, जीव-जंतु व समस्त श्रृष्टि उनके संतान के समान है। इसलिए देव हुरंग नारायण के द्वारा इससे संबंधित मेला मनाया जाता है।

संवाददाताः जतिन लटावा।

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