उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। कांगड़ा
हर वर्ष की भांति इस बार भी मां श्री बज्रेश्वरी देवी की पावन पिंडी पर पीली डोरी से सुशोभित गोटे की मिंजर बांधकर वर्षों पुरानी परंपरा शुरू हो गई है। वही अगले सप्ताह मंगलवार को गोटे की मिंजर पूरे रीति रिवाज से साथ लगती बनेर खड्ड में प्रवाहित की जाएगी। विधिवत पूजन कर सावन मेलों की शुरुआत मंदिर में कर दी गई । सावन माह में श्रद्धालु मां के जयकारे लगाते हुए मंदिर में पहुंच रहे हैं। परंपराओं का निर्वहन निरंतर जारी है।
हर साल सावन के इन मेलों के दौरान मां के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। लेकिन पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से यहां मंदिर के दर्शनों पर पाबंदी लगाई गई थी। लेकिन इस मर्तबा मां की पिंडी के दर्शन कर भक्त प्रसन्न है। मंदिर में पूजा-अर्चना का दौर जारी है।
मन्दिर के वरिष्ट पुजारी पंडित राम प्रसाद शर्मा ने बताया कि मिंजर बांधने की परंपरा सदियों से चली आ रही है । सावन के महीने के पहले मंगलवार को माता की पिंडी पर गोटे की मिंजर बांधी जाती है ।